9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जोर का झटका: GSP दर्जा छीनने के बाद भारत के इंजीनियरिंग निर्यात पर पड़ेगा बुरा असर

अमरीकी बाजार में छूट मिलने वाले सामानों में इंजीनियरिंग उत्पादों की करीब 44 फीसदी हिस्सेदारी। वित्त वर्ष 2018-19 में अमरीका ने दुनिया भर से कुल 331 अरब डॉलर का इंजीनियरिंग आयात किया जीएसपी का लाभ बंद होने से महंगे इंजीनियरिंग निर्यात पर 2 से 3 फीसदी का असर पड़ेगा।

3 min read
Google source verification
GSP

नई दिल्ली।अमरीका में भारत को GSP के तहत मिलने वाली छूट समाप्त करने से इंजीनियरिंग क्षेत्र पर सबसे अधिक असर पड़ेगा। एक विशेषज्ञ ने यह आशंका व्यक्त की है। सामान्य तरजीही कार्यक्रम ( GSP ) के तहत अमरीका में भारत के 5.6 अरब डॉलर के सामानों को शुल्क में छूट मिलती है। इन सामानों में इंजीनियरिंग उत्पादों की करीब 44 फीसदी हिस्सेदारी रही है। वित्त वर्ष 2018-19 में अमरीका ने दुनिया भर से कुल 331 अरब डॉलर का इंजीनियरिंग आयात किया था।

ट्रंप सरकार से भारत को हैं उम्मीदें, वापस मिल सकता है GSP दर्जा

महंगे इंजीनियरिंग निर्यात पर 2-3 फीसदी का असर

इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया ( EEPC India ) के पूर्व चेयरमैन राकेश शाह ने कहा कि जीएसपी के तहत अमरीका में भारत के 5.6 अरब डॉलर के सामानों को शुल्क में छूट मिली, इनमें इंजीनियरिंग उत्पादों की हिस्सेदारी 2.5 अरब डॉलर की रही। उन्होंने कहा कि जीएसपी का लाभ बंद होने से महंगे इंजीनियरिंग निर्यात पर 2 से 3 फीसदी का असर पड़ेगा, लेकिन यदि अगले 2 से 4 महीने में इस मामले को नहीं सुलझाया गया तो कम मूल्य वाले उत्पादों के लिए टिके रह पाना मुश्किल होगा। कुल इंजीनियरिंग निर्यात में कम मूल्य वाले उत्पादों की 40 फीसदी हिस्सेदारी है।

शुरू हुई आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा नीति बैठक, केंद्रीय बैंक से आपको मिल सकता है खास तोहफा

जल्द हुई सुलह तो भारत को होगा फायदा

शाह ने कहा कि निर्यात उद्योग को नए वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से इस बात की उम्मीद है कि ऐसे समय में जब अमरीका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के मद्देनजर घरेलू निर्यातक अपना निर्यात बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, गोयल व्यापार की दिक्कत का उचित हल निकालेंगे। शाह ने कहा, "यदि मामले को अगले दो से चार महीनों में सुलझा लिया गया तो इससे कोई खास समस्या नहीं आने वाली है क्योंकि पहले से मिल चुके ऑर्डर को इस दौरान निर्यात इकाइयां पूरा कर रही होंगी।"

ILFS मामले में SFIO ने RBI पर उठाया सवाल, केंद्रीय बैंक की लापरवाही से इतना बड़ा हुआ घोटाला!

भारत को उम्मीद

गौरतलब है कि सोमवार को ही एक भारतीय अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि अमरीका पहले भी कई देशों का जीएसपी दर्जा वापस ले चुका है, लेकिन कुछ समय के बाद अमरीकी सरकार ने उस देश के जीएसपी दर्जे को फिर से बहाल कर दिया था। मोदी सरकार के वापस आने के बाद सभी को उम्मीदें थीं कि भारत और अमरीका के संबध और भी अच्छे होंगे। हाल ही में भारत और अमरीका के बीच ट्रेड पैकेज को लेकर भी बातचीत चल रही थी। इस बातचीत के बीच में अमरीका सरकार के इस कदम से भारत को काफी नुकसान होगा।

मोदी 2.0 को चाहिए RBI का साथ, ब्याज दरें घटाने से ही नहीं बनेगी बात

जीएसपी के तहत भारत को कैसे मिलता था फायदा

GSP को जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज यानी सामान्य तरजीही कार्यक्रम भी कहा जाता है। यह अमरीका द्वारा अन्य देशों को व्यापार में दी जाने वाली तरजीह की सबसे पुरानी और बड़ी प्रणाली है। इसकी शुरुआत 1976 में विकासशील देशों में आर्थिक वृद्धि बढ़ाने के लिए की गई थी। इस प्रणाली में जिन भी देशों को जीएसपी का दर्जा प्राप्त होता है वो देश बिना किसी शुल्क के अमरीका में सामान को निर्यात कर सकते हैं। यह छूट अमरीका द्वारा उन्ही देशों को दी जाती है, जिसके पास जीएसपी का दर्जा होता है। भारत 2017 में जीएसपी कार्यक्रम का सबसे बड़ा लाभार्थी रहा है। वर्ष 2017 में भारत ने इसके तहत अमरीका को 5.7 अरब डॉलर का निर्यात किया था। अभी तक लगभग 129 देशों को करीब 4,800 गुड्स के लिए त्रस्क्क के तहत फायदा मिला है।

Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार, फाइनेंस, इंडस्‍ट्री, अर्थव्‍यवस्‍था, कॉर्पोरेट, म्‍युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें Patrika Hindi News App.