
UK Chancellor Rishi Sunak and FM Nirmala Sitharaman
नई दिल्ली। ब्रिटिश सरकार ने भारत की हरित और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं ( Green and Renewable Energy Projects ) में 1.2 अरब डॉलर निवेश करने की घोषणा की है। गुरुवार को 11वीं आर्थिक और वित्तीय वार्ता ( EFD ) के दौरान यूके के चांसलर ऋषि सनक ( UK Chancellor Rishi Sunak ) और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( FM Nirmala Sitharaman ) ये घोषणा की। इसके लिए ब्रिटिश गवर्नमेंट सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए फंड जारी करेगी।
ग्रीन एनर्जी को मिलेगा बढ़ावा
यूके ने नवंबर में COP26 जलवायु सम्मेलन की मेजबानी करने से पहले इसकी घोषणा की है। यूके सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस पैकेज से भारत में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा एक क्लाइमेट फाइनेंस लीडरशिप इनिशिएटिव ( CFLI ) इंडिया पार्टनरशिप की लॉन्चिंग भी आज हुई है। इसका मकसद भारत में स्थायी आधारभूत ढांचे का विस्तार करने के लिए निजी स्तर पर पूंजी जुटाना है। ब्रिटिश उच्चायोग (बीएचसी) ने एक सार्वजनिक बयान में कहा कि ये निवेश 2030 तक भारत के 450 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा का हिस्सा होगा।
सीडीसी की भूमिका अहम
इस पैकेज के तहत भारत में हरित परियोजनाओं में ब्रिटिश वित्त संस्थान सीडीसी 1 बिलियन डॉलर का निवेश करेगा। अभिनव हरित तकनीकी समाधानों पर काम करने वाली कंपनियों का समर्थन करने के लिए दोनों सरकारों द्वारा अलग से संयुक्त निवेश भी किया जाएगा। पैकेज में संयुक्त ग्रीन ग्रोथ इक्विटी फंड में एक नया $200 मिलियन का निजी और बहुपक्षीय निवेश भी शामिल है। सीडीसी का भारत के निजी क्षेत्र में $1.99 बिलियन निवेश का पोर्टफोलियो पहले से ही है।
ग्रीन एनर्जी का समर्थन हमारी प्राथमिकता : ऋषि सनक
11वीं आर्थिक और वित्तीय वार्ता ( EFD ) के दौरान यूके के चांसलर ऋषि सनक ने कहा कि भारत के हरित विकास का समर्थन करना हमारी साझा प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि इस समझौते से व्यापार और सेवा क्षेत्र में नए अवसरों को पैदा करेगा। इससे भारत और यूके में रोजगार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
Updated on:
02 Sept 2021 08:13 pm
Published on:
02 Sept 2021 07:50 pm
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