
AIIMS Admission: नीट यूजी 2024 का परिणाम आ चुका है। इस बार 67 छात्रों ने प्रथम रैंक हासिल की है। रिजल्ट आते ही छात्र कॉलेज की तलाश करना शुरू कर देंगे। मेडिकल क्षेत्र में एम्स भारत का नंबर-1 संस्थान है। अधिकांश छात्र यहां एडमिशन लेना चाहते हैं। हालांकि, एम्स में दाखिला मिलना इतना आसान नहीं होता। इसके लिए छात्रों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। नीट परीक्षा में हाई स्कोर करने वाले कैंडिडेट्स को ही इस कॉलेज में दाखिला मिलता है। कॉलेज सीट के हिसाब ने कटऑफ निकालता है, अगर आपका स्कोर कटऑफ के अंदर आता है तो आप एम्स में एडमिशन ले सकते हैं।
यदि आपके नंबर 700 से ज्यादा हैं तो आपको एम्स में एडमिशन (AIIMS Admission) मिल सकता है। हालांकि, इसके साथ ही छात्रों को नीट काउंसलिंग (NEET Counselling) के कटऑफ मानदंडों को पूरा करना होगा।
दरअसल, इस साल हाई स्कोर पाने वाले कैंडिडेट्स की संख्या पिछले कई सालों के मुकाबले ज्यादा है। एम्स में एडमिशन पाने के लिए नीट स्कोर के साथ ही कॉलेज सीट्स का होना भी जरूरी है। इस साल दाखिला पाने वालों की दावेदारी संख्या बल में ज्यादा है। कटऑफ के अनुसार, अगर कॉलेज के पास इतनी सीट हुईं तो यह सभी कैंडिडेट्स एम्स में एडमिशन पा सकते हैं। हालांकि, अंत में यह कैंडिडेट की च्वॉइस पर भी निर्भर करता है।
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काउंसलिंग के आधार पर एम्स में एडमिशन (AIIMS Admission) मिलेगा। काउंसलिंग की प्रक्रिया में जिस भी कैंडिडेट को सीट अलॉट हो जाएगा, उन्हें फौरन फीस और डॉक्यूमेंट्स जमा करने होंगे। काउंसलिंग के दौरान एनटीए एडमिट कार्ड, नीट का स्कोरकार्ड, पहचान प्रमाण और पांच पासपोर्ट साइज फोटो ले जाना जरूरी है। इसके बाद के प्रोसेस के लिए एम्स में रिपोर्ट करना होगा।
एम्स में दाखिला मिलने के लिए एक और बात जरूरी है। शायद बहुत कम लोग जानते हैं कि एम्स में एडमिशन (AIIMS Admission) के लिए कैंडिडेट को मेडिकल फिटनेस टेस्ट (Medical Fitness Test) कराना होता है। मेडिकल फिटनेस की घोषणा पर उम्मीदवार को भारतीय नागरिक के लिए अपेक्षित शुल्क जमा करना होगा। इस शुल्क के जमा होते ही छात्रावास का आवंटन किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए एम्स की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
नीट यूजी- 2024 में 67 छात्र टॉपर रहे हैं। इस बाबत एनटीए का कहना है कि ऐसा तुलनात्मक रूप से आसान पेपर, ज्यादा रजिस्ट्रेशन, दो सही उत्तर वाले एक प्रश्न और ग्रेस मार्क्स के कारण हुआ है। वहीं छात्रों को 718 और 719 अंक दिए जाने पर एनटीए ने कहा कि छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने के कारण ऐसा हुआ है। ऐसे उम्मीदवार जिन्होंने नीट परीक्षा के दौरान टाइम लॉस की सूचना दी थी, उन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं। एनटीए ने ये भी कहा कि ऐसा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के तहत किया गया है।
Published on:
07 Jun 2024 05:02 pm
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