British Boy Set World Record: ब्रिटिश के एक 10 साल के बच्चे ने 60 सकेंड यानी कि एक मिनट में π के सबसे ज्यादा डेसिमल प्लेसेस को याद कर गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रेकॉर्ड बना दिया। ब्रिस्टल के अल्बर्टो डेविला आरागोन ने रेकॉर्ड बनाने के लिए सिर्फ 60 सेकंड में पाई के 280 अंकों को याद कर सबको हैरत में डाल दिया।
British Boy Set World Record: स्कूल में पढ़ाई के दौरान ज्यादातर बच्चे मैथ्स के कई सवालों पर कंफ्यूज हो जाते हैं। लेकिन ब्रिटिश के एक 10 साल के बच्चे ने 60 सकेंड यानी कि एक मिनट में π के सबसे ज्यादा डेसिमल प्लेसेस को याद कर गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रेकॉर्ड बना दिया। ब्रिस्टल के अल्बर्टो डेविला आरागोन ने रेकॉर्ड बनाने के लिए सिर्फ 60 सेकंड में पाई के 280 अंकों को याद कर सबको हैरत में डाल दिया।
14 मार्च को पाई डे (Pi Day) पर आयोजित प्रतियोगिता में आरागोन विजयी रहे और उन्होंने पाई के 150 अंकों को बिना देखे सही-सही सुना दिया। अल्बर्टो डेविला के इस टैलेंट से सभी हैरत में पड़ गए। वहीं अब अल्बर्टो डेविला का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness Book of World Record) में दर्ज हो चुका है।
अलबर्टो इस तरह के प्रतियोगिता में पहले भी भाग लेता रहा है। उसे π की डिजिट याद करने का ख्याल पिछले साल मार्च 2024 में आया था जब उसके स्कूल में एक प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। इस प्रतियोगिता में π की वैल्यू याद करने की रेस लगी थी। तभी से अलबर्टो ने π की सारे 280 अंक याद करने की ठानी और इसे पूरा कर दिखाया। अल्बर्टो ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी गति और स्मरण शक्ति में लगातार सुधार हुआ और आखिरकार उन्होंने वल्र्ड रिकॉर्ड बनाने का फैसला किया। उन्होंने ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी से संपर्क किया, जहां एक गणितज्ञ को आमंत्रित किया गया। साथ ही, स्पोट्रस क्लब से अनुभवी टाइमकीपर्स और एक पेशेवर गवाह को भी बुलाया गया।
10 साल के अलबर्टो का कहना है कि उन्हें ये प्रतियोगिता जीतकर काफी खुशी मिली। उन्होंने कहा कि वे स्कूल की प्रतियोगिता के बाद से π की और भी डिजिट याद करते रहते थे। एक समय ऐसा आया कि उन्हें 280 अंक याद हो चुके हैं। अलबर्टो इन सभी 280 अंकों को महज 1 मिनट में बोल सकते हैं। अलबर्टो का कहना है कि यह उनके लिए बहुत शानदार अनुभव था।
यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हर साल 14 मार्च को Pi Day मनाया जाता है। यह दिन गणितीय स्थिरांक पाई (π) के सम्मान में होता है, जिसका मान लगभग 3.14 है। इस दिन की शुरुआत 1988 में भौतिक विज्ञानी लैरी शॉ ने की थी। तब से आज तक यह दिन गणित के महत्व को उजागर करने और लोगों को गणित के प्रति आकर्षक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।