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CBSE Class 12th Board Exam 2021: 12वीं बोर्ड परीक्षा पर सीबीएसई के जवाब में विद्यार्थियों ने जमकर शेयर किए मीम्स, SC में दायर हुई याचिका

CBSE Class 12th Board Exam 2021: सीबीएसई कक्षा बारहवीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग फिर से बढ़ रही है। हजारों की संख्या में विद्यार्थी सोशल मीडिया पर जमकर मीम्स शेयर कर रहे हैं।

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Deovrat Singh

May 15, 2021

cbse class 12th exam 2021

CBSE Class 12th Board Exam 2021: सीबीएसई कक्षा बारहवीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग फिर से बढ़ रही है। हजारों की संख्या में विद्यार्थी सोशल मीडिया पर जमकर भड़ास निकाल रहे हैं। 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द किए जाने को लेकर चल रही मीडिया रिपोर्टों पर सीबीएसई ने जवाब दिया था। इसके बाद से ही विद्यार्थी मीम्स का हवाला देते हुए ट्विटर पर COVID-19 महामारी के दौर में चिंता व्यक्त की है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई, जिसमें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) द्वारा आयोजित कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग की गई।

सीबीएसई ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा के आयोजन को लेकर अभी निर्णय लेना अभी बाकी है। बोर्ड ने कहा कि कोई भी निर्णय, जब भी लिया जाएगा तो सभी को सूचित किया जाएगा। आपको बता दें कि मीडिया के कुछ वर्गों में सीबीएसई कक्षा 12 परीक्षाओं के रद्द किए जाने को लेकर संभावनाएं जताई गई थी। लेकिन बोर्ड ने स्पष्ट किया कि इस बारे में ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

सीबीएसई द्वारा निर्णय लिए जाने के इंतजार में विद्यार्थियों ने ट्विटर पर बनाए मीम

बारहवीं बोर्ड परीक्षा के आयोजन पर जून में लिया जाएगा निर्णय
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों के परिणाम घोषित करने के लिए परीक्षा के बजाय 10वीं की तरह ही तैयार किए जाने की मांग की। इसने कहा कि कक्षा 12 की परीक्षा में देरी का असर विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया पर भी पड़ेगा। कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण 12वीं बोर्ड की परीक्षा आयोजित करना संभव नहीं है। अभूतपूर्व महामारी के कारण ऑनलाइन या ऑफलाइन परीक्षाएं संभव नहीं हैं। याचिका में कहा गया है कि 12वीं के नतीजों की घोषणा में देरी होने से विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले छात्रों को सीबीएसई और आईएससी को एक उद्देश्य पद्धति अपनानी होगी, अन्यथा यह लगभग 12 लाख छात्रों को प्रभावित करेगा।