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Commercial Pilot In India: आर्ट्स-कॉमर्स के स्टूडेंट भी बन सकेंगे कॉमर्शियल पायलट, DGCA ला रहा नए नियम

Commercial Pilot In India: आर्ट्स और कॉमर्स के विद्यार्थी कॉमर्शियल पायलट का प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। हालांकि, उन्हें मेडिकल और पात्रता संबंधी अन्य टेस्ट को भी पूरी करना होगा।

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Commercial Pilot In India

Commercial Pilot In India: स्कूल स्तर पर कॉमर्स और आर्ट्स संकाय में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए भी जल्द ही कॉमर्शियल पायलट बनने का सपना साकार हो सकता है। नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) पायलट प्रशिक्षण के लिए 12वीं कक्षा में केवल विज्ञान संकाय की अनिवार्यता की पात्रता हटाने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार डीजीसीए ने करीब 40 साल पुराने विज्ञान संकाय की अनिवार्यता के नियम को हटाने के लिए नागर विमानन मंत्रालय को सिफारिश भेजी है। 

आर्ट्स और कॉमर्स वाले स्टूडेंट भी बन सकते हैं पायलट

इस सिफारिश को मंजूरी मिलने पर यह अनिवार्यता हटा दी जाएगी। यह अनिवार्यता हटने पर आर्ट्स और कॉमर्स के विद्यार्थी कॉमर्शियल पायलट का प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। हालांकि, उन्हें मेडिकल और पात्रता संबंधी अन्य टेस्ट को भी पूरी करना होगा। एक अधिकारी के अनुसार डीजीसीए की सिफारिश विमानन मंत्रालय के पास लंबित है।

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क्या है कॉमर्शियल पायलट बनने का नियम

मंत्रालय की हरी झंडी मिलने के बाद इसे अधिसूचित करने के लिए इसे कानून मंत्रालय को भेज देगा। उसके बाद बदलाव की अधिसूचना जारी होगी। देश में 1990 के दशक के मध्य तक किसी भी संकाय से केवल 10वीं उत्तीर्ण विद्यार्थी पायलट प्रशिक्षण ले सकते थे लेकिन बाद में नियमों में बदलाव कर वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (सीपीएल) प्रशिक्षण के लिए 12वीं में फिजिक्स और गणित की पढ़ाई जरूरी कर दी गई।

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केवल भारत में है विज्ञान जरूरी

अधिकारियों ने कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां अभी भी सीपीएल प्रशिक्षण के लिए विज्ञान विषयों की आवश्यकता होती है। यह आवश्यकता पुरानी हो चुकी है, क्योंकि बुनियादी फिजिक्स और गणित पहले से ही स्कूली वर्षों में पढ़ाए जा रहे हैं।