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उपभोक्तावाद और सोशल मीडिया की लत चिंताजनक

उन्होंने कहा, लोग उपभोक्तावाद के आदी हो चुके हैं। वे अपनी मेहनत की कमाई उन चीजों पर खर्च कर रहे हैं जिनकी उन्हें वास्तव में जरूरत नहीं है। सोशल मीडिया की लत एक और गंभीर चिंता का विषय है।

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गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय और गुलबर्गा विश्वविद्यालय के पूर्व रजिस्ट्रार एच.एल. हिरेमठ ने लोगों में उपभोक्तावाद और सोशल मीडिया की लत बढऩे पर चिंता व्यक्त की और उन्हें सावधान रहने तथा हर चीज के लिए सीमा तय करने की सलाह दी।

वे मंगलवार को कलबुर्गी के पीडीए इंजीनियरिंग कॉलेज में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सोशल मीडिया एवं समाज विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, लोग उपभोक्तावाद के आदी हो चुके हैं। वे अपनी मेहनत की कमाई उन चीजों पर खर्च कर रहे हैं जिनकी उन्हें वास्तव में जरूरत नहीं है। सोशल मीडिया की लत एक और गंभीर चिंता का विषय है। लोग सोशल मीडिया पर सब कुछ शेयर करना चाहते हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) अब एक वास्तविकता है। कई मानवीय कार्य अब एआइ-आधारित रोबोट द्वारा किए जा रहे हैं। एआइ चौथी औद्योगिक क्रांति है। यह आने वाले दिनों में कई विकास कार्यों को आगे बढ़ाएगा।विधान परिषद सदस्य शशिल नमोशी ने कहा कि आधुनिक विश्व में एआइ एक अपरिहार्य तकनीक बनती जा रही है।


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