
Education News in Hindi
Education News in Hindi: अमरीका में शॉपिंग मॉल, रेस्टोरेंट, स्कूल, भीड़भाड़ वाली जगह, धार्मिक स्थल आदि जगहों पर हो रही गोलीबारी से स्कूली बच्चों के माता-पिता खौफ में हैं। वे बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर प्रशासन भी अवैध हथियारों पर लगाम नहीं लगा पा रहा है। घटनाएं थमती न देख अभिभावक बच्चों की सलामती के लिए बड़ी रकम खर्च कर बुलेट प्रूफ बैग "बैकपैक्स" खरीद रहे हैं। हालात यह है कि कि जगह-जगह इन बैग की दुकानें खुल गई हैं। विज्ञापन किए जा रहे हैं। ई-कॉमर्स वेबसाइट भी इन्हें बेच रही हैं। हाल के दिनों में बैग की बिक्री में 200 से 300 प्रतिशत का उछाल आया है।
इस वर्ष अगस्त की शुरूआत में ही टेक्सास के एल पासो स्थित शॉपिंग सेंटर में सामूहिक गोलीबारी में 22 लोगों की मौत हो गई थी। दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे। ओहियो के डेटन में नौ लोग मारे गए। इस साल अभी गोलीबारी की 22 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। गत वर्ष 23 घटनाएं हुई थीं। इनमें 113 लोग मारे गए थे।
गोलीबारी को बना लिया बिजनेस
हिंसक वारदातों के चलते कुछ कंपनियां इसे बिजनेस के रूप में देख रही हैं। एक इजरायली कंपनी भी इन बैग में दिलचस्पी दिखा रही हैं। यह कंपनी सेना को भी कुछ मैटेरियल सप्लाई करती है।
बैग का बढ़ा वजन, बच्चे परेशान
बुलेटप्रुफ बैकपैक्स का वजन करीब 2 किलो है। कीमत भी सात हजार रुपए से लेकर लगभग 32 हजार रुपए तक की है। बैग बनाने वालों ने गोलियां चलाकर टेस्टिंग के बाद मजबूती का दावा भी किया है। किताबों और फिर बैग के वजन से बच्चों की परेशानी बढ़ गई है।
यह फौरी समाधान
शिक्षाविदों का मानना है कि बंदूक खरीदने और उसका लाइसेंस पाने के लिए नियम कड़े किए जाने चाहिए। न्यूजस्री स्थित रटगर्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मैथ्यू जे. मेयर मानते हैं कि बैकपैक की सहायता लेना दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। यह फौरी समाधान है ना कि स्थाई।
Published on:
04 Sept 2019 12:04 pm
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