
Education News in Hindi
Education News in Hindi: उत्तराखंड में सरकारी विश्वविद्यालय के लिए एकीकृत अधिनियम (अम्ब्रेला एक्ट) तैयार किया जा रहा है। अभी तक सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय अलग-अलग और अपने एक्ट के अनुसार संचालित होते हैं। शासन अब इन्हें अंब्रेला एक्ट के अंतर्गत लाने की व्यवस्था कर रही है। उत्तराखंड के उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ़ धन सिंह रावत ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न नियामक संस्थाओं के मानकों से संचालित होने वाले विश्वविद्यालयों को एक ही एक्ट के दायरे में लाने में तकनीकी के साथ ही विधिक अड़चनें भी बनी हुई हैं। इसको दूर करने के लिए अम्ब्रेला एक्ट बनाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि हर राज्य में सभी विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति राज्यपाल होता है, पर यहां ऐसा नहीं है। कुछ विश्वविद्यालय बनाने के लिए जमीनों का मानक तय होता है, और वे भी अपने हिसाब से चल रहे हैं। निजी विश्वविद्यालय के लिए कोई मानक नहीं है। जमीन के झमेले के साथ ही शिक्षा पद्धति को लेकर भी कई दिक्कतें हैं। ये सब अपने-अपने एक्ट से संचालित किए जा रहे हैं। इसी को खत्म करने के लिए अम्ब्रेला एक्ट लाया जा रहा है। इसमें एक छतरी के नीचे सारे विश्वविद्यालय और महाविद्यालय आएंगे।
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उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों में अब कुलपतियों की नियुक्ति और कुलसचिवों की नियुक्ति के लिए एक स्पष्ट नीति होगी। वित्त अधिकारी, परीक्षा नियंत्रक एवं महाविद्यालयों की संबद्धता संबंधी नियम भी एक समान होंगे, जबकि इससे पूर्व सभी महाविद्यालय अलग-अलग नियमों से संचालित होते रहे हैं।
मंत्री ने बताया कि निजी विश्वविद्यालयों के लिए भी सरकारी विश्वविद्यालयों की तरह एक एक्ट बनेगा। निजी विश्वविद्यालय में कुलपतियों की नियुक्ति के लिए शैक्षिक योग्यता और शैक्षिक अनुभव को लेकर भी कोई समान नियम नहीं है। विश्वविद्यालय में कितने प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर होंगे, इसे लेकर भी अलग-अलग नियम हैं। अब इसके लिए भी प्रारूप तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की भलाई और शिक्षा को और ऊंचे शिखर पर पहुंचाने के लिए सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों के लिए अलग-अलग एक्ट बनेगा। मुख्यमंत्री के समक्ष इसके प्रस्तुतिकरण के बाद इस प्रस्ताव को कैबिनेट में लाया जाएगा।
डॉ़ रावत ने बताया कि सरकारी विश्वविद्यालयों में यूजीसी के तहत संचालित होने वाले विश्वविद्यालयों की संख्या महज पांच है। इनमें भी मुक्त विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा परिषद की गाइडलाइन से संचालित हो रहा है। इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय, आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय, प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर विश्वविद्यालय और औद्यानिकी-वानिकी विश्वविद्यालय अलग-अलग राष्ट्रीय नियामक संस्थाओं के मानकों के मुताबिक स्थापित हैं।
उन्होंने कहा कि इन मानकों के आधार पर ही इनके अलग-अलग एक्ट भी बने हुए हैं। इन सभी विश्वविद्यालयों के अलग-अलग एक्ट के बजाय अब एक एक्ट को लागू करने के लिए अन्य राज्यों की व्यवस्था का अध्ययन भी किया जा रहा है।
Published on:
06 Sept 2019 01:09 pm
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