
safety management
इंडस्ट्रीयल सेफ्टी मैनेजमेंट का मकसद है जोखिम, दुर्घटना और उससे लगने वाली चोटों व नुकसान को कम करना और इसके लिए सुरक्षा प्रबंधन के तमाम सिद्धांतों व तकनीकों पर अमल किया जाना। कर्मचारी की तंदुरुस्ती से लेकर सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी व मजबूती तक इसी मकसद को हासिल करने में मदद करते हैं। जोखिम और संपत्ति के बीच की अनिवार्य दूरी को बनाए रखना उतना आसान तो नहीं है, पर उतना कठिन भी नहीं है। यदि औद्योगिक सुरक्षा के नियमों, सिद्धांतों और मानकों का सही से पालन किया जाए, तो कोई वजह नहीं कि हादसा हो जाए। आज न तो उद्योगों की कमी है और न ही जोखिमों की। लिहाजा, औद्योगिक सुरक्षा प्रबंधन ने एक अनिवार्य विधा के रूप में अपनी जगह बना ली है। इससे जुड़े तमाम किस्म के पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं, जिन्हें पढ़कर न सिर्फ करियर को समृद्ध किया जा सकता है, बल्कि देश की आर्थिक समृद्धि को भी सुनिश्चित किया जा सकता है।
योग्यता/कोर्स...
जो लोग इंडस्ट्रीयल सेफ्टी मैनेजमेंट से जुडऩा चाहते हैं, उन्हें संबंधित पाठ्यक्रम करना होगा, जिसके लिए उनका स्नातक या स्नातकोत्तर होना जरूरी है। औद्योगिक सुरक्षा प्रबंधन पाठ्यक्रम में इंजीनियरिंग कंट्रोल और एप्लिकेशन, परमाणु ऊर्जा संयंत्र, पेट्रोलियम इंडस्ट्री जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में आपात स्थिति पर नियंत्रण करना, औद्योगिक उपकरणों की निगरानी करना, मेडिकल विजिलेंस, चोट नुकसान और जानलेवा स्थितियों को रोकना, खराब उपकरणों की सूचि बनाना इत्यादि को जानना-समझना पड़ता है। औद्योगिक सुरक्षा प्रबंधन में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा और डिग्री जैसे कोर्स उपलब्ध हैं। वैसे तो इंजीनियरिंग के छात्रों को प्राथमिकता मिलती है, लेकिन कुछ संस्थानों में 12वीं पास विद्यार्थी भी सर्टिफिकेट और डिप्लोमा जैसे कोर्स कर सकते हैं।
कहां-कहां हैं अवसर...
दिल्ली कॉलेज ऑफ फायर सेफ्टी इंजीनियरिंग के डायरेक्टर जेड एस लाकड़ा के मुताबिक इंडस्ट्रीयल सेफ्टी मैनेजमेंट का कोर्स करने के बाद फायर प्रोटेक्शन इंजीनियर, सिस्टम सेफ्टी इंजीनियर, कंस्ट्रक्शन सेफ्टी इंजीनियर, रिस्क मैनेजमेंट, कंसल्टेंट, ट्रांसपोर्टेशन, सेफ्टी सुपरवाइजर, इंडस्ट्रीयल हाइजीन मैनेजर, एन्वायरमेंट सेफ्टी मैनेजर, सिक्युरिटी एडमिनिस्ट्रेशन, हेल्थ एक्सपट्र्स जैसे पदों पर नियुक्ति मिल सकती है। इसके अलावा रिलीफ एजेंसीज, एनजीओ, यूनाइटेड नेशंस, सिविल सर्वेंट्स, सिविल इंजीनियर, पुलिस एवं डिफेंस, रिहैबिलिटेशन वर्कर्स के बतौर काम कर सकते हैं।
वेतनमान...
इंडस्ट्रीयल सेफ्टी मैनेजमेंट का कोर्स करने के बाद यह देखना होता है कि आप किस पद पर हैं। उसी के तहत सैलरी तय होती है। साथ ही आपने डिग्री हासिल की है या डिप्लोमाधारी हैं। इस आधार पर 10 हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक की तनख्वाह मिल सकती है। जैसे-जैसे पद बड़ा होता जाता है, कंपनी के प्रोफाइल के हिसाब से वेतन में भी बढ़ोतरी होती रहती है।
व्यक्तिगत गुण...
इंडस्ट्रीयल सेफ्टी मैनेजमेंट में डिग्री व डिप्लोमाधारी को सुरक्षा के बुनियादी सिद्धांतों की जानकारी होना बेहद जरूरी है। लेटेस्ट डेवलपमेंट क्या-क्या हो रहा है, उसकी जानकारी रखना जरूरी है। जरूरत के मुताबिक तुरंत और सही निर्णय लेने की क्षमता का होना। पैनी निगाह और सुरक्षा व्यवस्था में होने वाली चूक को भांपने और रोकने की क्षमता भी उसमें भली प्रकार से हो। सबसे जरूरी बात यह कि वह मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ हो।
प्रमुख संस्थान...
1.इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, मैदान गढ़ी, नई दिल्ली
वेबसाइट: www-ignou-ac-in
2.डेल्ही कॉलेज ऑफ फायर एंड सेफ्टी इंजीनियरिंग, नई दिल्ली
वेबसाइट: www-dcfse-com
3.इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट, पुणे, महाराष्ट्रं
वेबसाइट: www-iism-com
4.इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट एंड फायर सेफ्टी, मोहाली, पंजाब
वेबसाइट: www-idmfs-co-in
Published on:
29 May 2018 04:09 pm
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