
startups, success mantra, start up, Management Mantra, motivational story, career tips in hindi, inspirational story in hindi, motivational story in hindi, business tips in hindi,
9 जनवरी 2000 को असम के ढिंग में जन्मी हिमा दास भारतीय धावक हैं। उन्हें ढिंग एक्सप्रेस और गोल्डन गर्ल के नाम से जाना जाता है। उन्होंने जुलाई 2019 में सिर्फ 19 दिनों में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में पांच स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिए। राष्ट्रपति उन्हें 25 सितंबर 2018 को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित कर चुके हैं। असम सरकार उन्हें खेलों के लिए असम का ब्रांड एम्बेसेडर नियुक्त कर चुकी है। वे जुलाई 2019 में असम में आई बाढ़ से निपटने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में अपना आधा वेतन दान कर चुकी हैं।
12वीं क्लास फर्स्ट डिविजन से पास की
हिमा ने 2019 में असम हायर सैकंडरी एजुकेशन काउंसिल के तहत 12 वीं कक्षा की एग्जाम दिया। वह फस्र्ट डिविजन से पास हुईं। हिमा के कोच निपोन ने उनके माता-पिता को गुवाहाटी भेजने के लिए मनाया, ताकि हिमा अच्छी ट्रेनिंग प्राप्त कर सके। हिमा की पारिवारिक स्थिति अच्छी नहीं थीं, पर उन्होंने खेलों की दुनिया में कुछ कर दिखाने की ठानी और खुद को साबित करके ही दम लिया।
मेहनत के बूते हुए सपने साकार
हिमा का निजी सर्वश्रेष्ठ समय 50.79 सेकंड है। यह उन्होंने पिछली साल सम्पन्न हुए एशियाई खेलों के दौरान प्राप्त किया। उन्हें 14 नवंबर 2018 को यूनिसेफ-इंडिया के भारत के पहले युवा राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया। दुनिया की कई नामी स्पोट्र्स कंपनियां हिमा के साथ एंडॉर्समेंट डील कर चुकी हैं। मेहनत के बूते हिमा अपने सपनों को साकार कर रही हैं।
शारीरिक शिक्षक व कोच की प्रेरणा
हिमा एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं। स्कूल के दिनों में वह लडक़ों के साथ फुटबॉल खेलती थीं। जवाहर नवोदय स्कूल के उनके शारीरिक शिक्षक शमशुल हक की प्रेरणा से उन्होंने दौड़ लगाना शुरू किया। शुरुआती दौर में जब उनके कोच निपोन ने उन्हें इंटर स्टेट दौड़ प्रतियोगिता में हवा की तरह उड़ते हुए देखा तो अचंभित रह गए और उसकी प्रतिभा निखारने में जुट गए।
Published on:
07 Aug 2020 12:40 pm
बड़ी खबरें
View Allशिक्षा
ट्रेंडिंग
