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लोगों को खूब पसंद आ रहे सरकार के अंग्रेजी माध्यम स्कूल, सीटों से अधिक मिले आवेदन

English medium school : राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने पहली बार शहरी क्षेत्र में अंग्रेजी माध्यम स्कूल (English Medium School) शुरू किए तो उनमें प्रवेश के लिए लम्बी कतारें लग गई हैं। प्रवेश के लिए पहली बार आवेदन मांगे तो सीटों से अधिक प्रवेशार्थी आए। ऐसे में शिक्षा विभाग को स्कूलों में सीटेें दोगुनी करनी पड़ी हैं।

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English Medium School

English medium school

English Medium School : राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने पहली बार शहरी क्षेत्र में अंग्रेजी माध्यम स्कूल (English Medium School) शुरू किए तो उनमें प्रवेश के लिए लम्बी कतारें लग गई हैं। प्रवेश के लिए पहली बार आवेदन मांगे तो सीटों से अधिक प्रवेशार्थी आए। ऐसे में शिक्षा विभाग को स्कूलों में सीटेें दोगुनी करनी पड़ी हैं। सीटें बढ़ाकर आवेदन प्रकिया फिर चालू की तो वापस सीटों से अधिक आवेदन आए। सत्र शुरू होने के 8 दिन बाद भी आवेदन प्रक्रिया कुछ दिन के लिए बढ़ाने की मांग उठ रही है। अभिभावकों की मांग पर कई जिलों से जिला शिक्षा अधिकारियों (District Education Officers) ने निदेशालय (Education Directorate) से मार्गदर्शन मांगा है।

अजमेर में आए सर्वाधिक आवेदन

शिक्षा विभाग (Education Department) ने महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल (Mahatma Gandhi English Medium School) इसी सत्र से शुरू किए हैं। स्कूल में एडमिशन के लिए सर्वाधिक आवेदन अजमेर जिले में आए हैं। वहां 255 सीटों के लिए 924 आवेदन मिले हैं। जयपुर में भी 480 आवेदन आ चुके हैं। पहली व छठवीं कक्षा के लिए आवेदन सर्वाधिक आ रहे हैं। आवेदनों की संख्या के आधार पर ही जिलों में सेक्शन की संख्या बढ़ाई जाएगी। दरअसल, शुरुआत में पहली से आठवीं तक के ही स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित किया गया। पहली से पांचवीं तक 30-30 यानी कुल 150 सीटें और छठवीं से आठवीं तक 35-35 यानी कुल 105 सीटें निर्धारित की गईं। आवेदनों की संख्या अधिक होती देख विभाग ने 150 के स्थान पर 300 व 105 के स्थान पर 210 सीटें बढ़ाने के निर्देश दे दिए। हालांकि अभी कुछ जिलों में ही सीटें बढ़ाई गई हैं।

मनमानी से राहत मिलने की उम्मीद
सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू होने के बाद प्रदेश में अभिभावकों में उम्मीद जागी है कि निजी स्कूलों की मनमानी से राहत मिल सकेगी। उनका कहना है कि अभी तक शहरों में सरकार हिंदी माध्यम के स्कूल चला रही थी। सरकार अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलेगी तो अभिभावकों को विकल्प मिलेगा। बच्चे कम खर्च पर अच्छी पढ़ाई कर पाएंगे।