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कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन ने सरकारी विभागों की कार्यशैली को बदल दिया। 'वर्क फ्रॉम होम' तेजी से चलन में आया है। स्कूल शिक्षा विभाग में 30 फीसदी कर्मचारियों को ही रोटेशन से बुलाया जा रहा है। 70 फीसदी कार्मिक घर से ही ऑनलाइन काम निपटा रहा हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर कार्य ऑनलाइन ही हो रहे है। कुछ कार्य ऐसे हैं, जो ऑफिस आए बिना संभव नहीं हैं, फिर भी शिक्षा विभाग भविष्य की ऐसी परिस्थितियों के लिए स्वयं को ऑनलाइन कार्य के लिए तैयार कर रहा है। वर्ष 2020-21 में कर्मचारियों की डीपीसी का काम भी ऑनलाइन किया जा रहा है, 'वर्क फ्रॉम होम' से कार्यालयों को भीड़ से मुक्ति मिली है। यही वजह है कि निदेशालय में इस बार नियुक्ति के लिए काउंसलिंग, एसीपी, स्थायीकरण जैसे कार्यों का समाधान ऑनलाइन आसानी से किया जा रहा है। यात्रा भत्तों और बैठकों पर होने वाले लाखों रुपयों के खर्चों को भी बचाया है। कार्यालय के लाइट और पानी सहित अन्य खर्चों में भी कमी आई है।
निदेशालय को रास आया ऑनलाइन काम
'वर्क फ्रॉम होम' की नई शैली का बड़ा उदाहरण बीकानेर स्थित शिक्षा निदेशालय ने पेश किया है। निदेशालय में 'वर्क फ्रॉम होम' के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। सीमित संख्या में भी कर्मचारियों ने शिक्षकों, विद्यार्थियों व कार्मिकों का कोई भी कार्य अटकने नहीं दिया। शाला दर्पण पोर्टल तो पूरी तरह ऑनलाइन कार्य संपादन के लिए सहायक सिद्ध हुआ है।
यों 'वर्क फ्रॉम होम' का हो रहा सफल प्रयोग
सचिवालय में स्कूल शिक्षा विभाग के 6 ग्रुप में लगभग 40 कर्मचारी हैं। शिक्षा संकुल में स्कूल शिक्षा के 4 ऑफिस में 60 से अधिक कर्मचारी बैठते हैं। यहीं स्कूल शिक्षा परिषद, ओपन स्कूलिंग, और लिटरेसी के भी कार्यालय हैं। संकुल में लगभघ 150 कर्मचारी हैं। बच्चों, कर्मचारियों के लिए विशेष योजनाएं, नियम एवं शर्तें, मान्यता और स्कूल शिक्षा के महत्वपूर्ण निर्णय जयपुर से ही होते हैं।
500 की जगह 300 कर्मचारियों से चल रहा काम
निदेशालय में 500 में से तीस फीसदी कर्मचारियों को ही कार्यालय बुलाया जा रहा है। 70 फीसदी कार्मिक घर से ऑनलाइन कार्य कर रहे हैं। लॉकडाउन अवधि में 22 मार्च से 19 अप्रैल तक सभी कार्यालय बंद रहे, तब भी सभी तरहके निर्देश आदेश, नोटिस निदेशक ने कार्मिकों के बलबूते पर अपने घर से ही जारी किए।
बजट के चुनौती भरे काम को भी किया
नए वित्त वर्ष में वेतन के लिए बजट समय पर देने की चुनौती सामने आई। वित्तीय सलाहकार टीम ने करीब 15000 करोड़ रुपए के बजट का आवंटन का कार्य 'वर्क फ्रॉम होम' से किया। वेतन आहरण निरन्तर चल रहा है। पे-मैनेजर पर कर्मचारियों की ओर से डेटा शुद्धिकरण ऑनलाइन ही किया जा रहा है। डिजिटल हस्ताक्षर से शुद्धिकरण प्रकरणों का अनुमोदन व निस्तारण किया।
Published on:
17 May 2020 07:33 am
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