ऑल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन (एआईआरएफ) ने जहां हड़ताल के अपने इस फैसले को रेलकर्मियों के लिए सकारात्मक होने की उमीद जताई है, वहीं उनका यह भी मानना है कि इस हड़ताल से रेल संचालन बड़े स्तर पर प्रभावित हो सकता है। इस संबंध में एआईआरएफ के महामंत्री कॉमरेड शिव गोपाल मिश्रा का कहना है कि यदि समय रहते सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी, तो 11 जुलाई से रेलकर्मी हड़ताल पर जाने को विवश होंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी संगठनों की राष्ट्रीय संयुक्त संघर्ष समिति (एनजेसीए) के सभी घटकों, जिनमें रेलवे, रक्षा, पोस्टल एवं केंद्र सरकार के अन्य विभाग सहभागी हैं और जो जेसीएम में शामिल हैं, द्वारा संयुक्त रूप से और सर्व-सम्मति से लिया गया फैसला है।