उन्होंने बताया कि शासन द्वारा सितंबर महीने में पूर्ण सहमति से मांगों को लेकर लिखित समझौता किया गया था, परंतु अभी तक किसी भी समस्या का निराकरण नहीं हो सका है। इसलिए कर्मचारियों को मजबूरन धरना-प्रदर्शन करना पड़ रहा है। महासंघ के मीडिया प्रभारी ने बताया कि इस दिन करीब 500 से अधिक कर्मचारी धरना-प्रदर्शन में शामिल होंगे।