
loksabha election 2019
एटा। मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी हैं। सभी दल रणनीति बनाने में जुटे हुये हैं। भाजपा, कांग्रेस के साथ सपा और बसपा भी इन चुनाव में नया अध्याय लिखने के लिए बेकरार हैं। इन तीन राज्यों में चुनाव परिणाम कुछ भी रहें, लेकिन सपा और बसपा के इस सीट पर मोदी लहर में होश उड़ गये थे। भाजपा के आगे इन दोनों ही दलों के प्रत्याशी कहीं भी नहीं टिक सके।
एटा में ये है स्थिति
एटा लोकसभा सीट में चार विधानसभा आती हैं, जिसमें एटा सदर, अलीगंज, मारहरा और जलेसर विधानसभा हैं। लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर इस कदर चली, कि समाजवादी पार्टी का मिनी गढ़ कहे जाने वाले एटा का किला ढ़ह गया। 1998 के बाद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने इस सीट को सपा के खाते में डाल दिया। दो बार लगातार समाजवादी पार्टी से देवेन्द्र सिंह यादव सांसद बने। इसके बाद लोकसभा चुनाव 2009 में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने चुनाव लड़ा। इस चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने समर्थन दिया, तो ये सीट कल्याण सिंह के पास पहुंच गई।
2014 की आंधी में नहीं टिका कोई
वहीं लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर कुछ ऐसी चली, कि मुलायम सिंह यादव की सपा कहीं भी न टिक सकी। कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह भाजपा के टिकट से चुनाव मैदान में उतरे। उनके सामने सपा ने एक बार फिर देवेन्द्र सिंह यादव को चुनाव मैदान में उतारा। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजवीर सिंह ने 4 लाख 74 हजार 978 मतों से जीत हासिल की। वहीं सपा प्रत्याशी देवेन्द्र सिंह यादव दो लाख 73 हजार 977 मत ही हासिल कर सके।
Updated on:
08 Oct 2018 06:00 pm
Published on:
08 Oct 2018 05:07 pm
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