
एटा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के माध्यम से हर गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिला को 6000 रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। देश के सभी जिलों में इसे लागू किया गया है। इस योजना का संचालन आंगनबाड़ी केंद्रों एवं स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों के माध्यम से होता है। योजना का उद्देश्य कमजोर आय वर्ग की महिलाओं को गर्भावस्था के समय आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
8235 लाभार्थियों का लक्ष्य
डीपीएम मोहम्मद आरिफ ने बताया कि जिले में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को विस्तृत रूप से बढ़ावा देने के लिए एक लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस वित्तीय वर्ष के लिए यह लक्ष्य 8235 लाभार्थियों का रखा गया है। प्रति माह 684 लाभार्थी पंजीकृत करने होंगे। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में अब तक 1839 लाभार्थी हो चुके हैं। अर्थात निर्धारित लक्ष्य का 22-23 प्रतिशत भाग पूर्ण किया जा चुका है।
मजदूरी की भरपाई
इस योजना का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर उचित आराम व पोषण सुनिश्चित करना है। कामकाजी व मजदूरी करने वाली महिलाओं के लिए यह राशि मजदूरी राशि के नुकसान की भरपाई के रूप में कार्य करती है। योजना की लाभ राशि डी.बी.टी. के माध्यम से लाभार्थीयों के बैंक खातों में सीधे भेज दी जाती है। इस लाभ राशि का भुगतान तीन किश्तों में किया जाता है— पहली किश्त-1000/-रु गर्भावस्था के पंजीकरण के समय। दूसरी किश्त-2000रु गर्भवती लाभार्थी द्वारा 6 माह की गर्भावस्था के बाद कम से कम एक प्रसव जाँच करने पर। तीसरी क़िस्त- जब बच्चे का जन पंजीकृत हो जाता है और बच्चे का बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी आदि टीके का चक्र शुरू होने के समय।
योजना से जुड़ी शर्तें
इस योजना का लाभ पाने के लिए गर्भवती महिला अपना पंजीकरण नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र पर करना होता है या ऑनलाइन पंजीकरण भी संभव है। गर्भवती महिलाओं बच्चों को जन्म सरकारी अस्पताल में किया हो। जन्म देने के पश्चात् कुछ जांच और अन्य नियमित परीक्षणों का पालन किया जाए।
Published on:
21 Jun 2019 06:51 pm
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