
PC: IANS
साक्षी महाराज ने सपा प्रमुख को कड़े लहजे में हिदायत देते हुए कहा कि आप मेहरबानी करके जाति के नाम पर राजनीति करके समाज में विष घोलना बंद कीजिए। यह समाज आपकी राजनीति कभी स्वीकार नहीं करेगा।
साक्षी महाराज ने इटावा में कथावाचकों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार को निंदनीय बताया। बोले, "हम इस प्रकरण की निंदा करते हैं। लेकिन, सवाल यह है कि आखिर इन दोनों कथावाचकों ने अपनी पहचान छुपाने की कोशिश क्यों की? उनकी जो पहचान थी, उन्हें उसी पहचान में रहकर वहां सत्संग का आयोजन करना चाहिए था।"
साक्षी महाराज ने कथावाचक के प्रकरण को रावण से जोड़ते हुए कहा, " आज तक हमारे समाज में जिस किसी ने भी अपनी मौलिक पहचान छुपाने की कोशिश की, उसे अपमानजनक व्यवहार का सामना करना ही पड़ा। रावण इसका एक प्रासंगिक उदाहरण है। मेरा सीधा सा सवाल है कि आखिर दोनों कथावाचकों ने अपनी पहचान छुपाने की कोशिश क्यों की? दोनों कथावाचकों के पास से दो दस्तावेज बरामद हुए हैं। इसमें एक दस्तावेज से पता चलता है कि यह ब्राह्मण हैं, तो दूसरे से पता चलता है कि यादव हैं। ऐसे में सवाल यह है कि इन लोगों ने अपनी पहचान छुपाने की कोशिश क्यों की?"
उन्होंने सपा अखिलेश यादव को ‘जातिवादी’ बताया। उन्होंने कहा, " अखिलेश यादव की पूरी राजनीति ही जातिवाद पर टिकी हुई है। अगर उनके राजनीतिक जीवन से जातिवाद को हटा दिया जाए, तो निश्चित तौर पर उनके पास कुछ नहीं रह जाता है। वो शून्य हो जाते हैं, जबकि भाजपा की पूरी राजनीति एकात्म मानववाद और अंत्योदय पर टिकी हुई है। इन दोनों के बिना भाजपा की राजनीति पूर्ण नहीं होती है।”
साक्षी महाराज ने डॉ. भीम राम अंबेडकर का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी अपनी पहचान नहीं छुपाई। वो दलित समुदाय से आते थे, लेकिन उन्होंने कई बड़े कीर्तिमान स्थापित किए। इस वजह से आज उन्हें पूरा देश सम्मान करता है। उन्होंने सनातन धर्म का हवाला देते हुए कहा कि हमारे समाज में जातिवाद का कोई स्थान नहीं है, तुष्टिकरण का कोई स्थान नहीं है।
Published on:
28 Jun 2025 05:22 pm
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