
राम मंदिर न सही नव्य अयोध्या के जरिये देश भर के साधू संतों को साध रहे हैं पीएम मोदी और सीएम योगी
अनूप कुमार
अयोध्या : बीते पखवारे भर से पहले माँ सीता पर डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा का आपत्तिजनक बयान फिर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी द्वारा साल 2019 चुनाव में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को एक सिरे से खारिज करने बयान के बाद उपजे विवाद से नाराज़ संतों ने जब साल 2019 के लिए भाजपा को लाल झंडी दिखाई तो प्रदेश से लेकर केंद्र सरकार तक हिल गयी ,आनन् फानन में सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ को मोर्चे पर लगाया गया कि संतों को साधे और उनकी नाराज़गी दूर करें ,राम मंदिर निर्माण को लेकर देश के प्रधानमंत्री पर धोखे का इलज़ाम लगाने वाले राम मंदिर आन्दोलन से जुड़े अयोध्या और देश के शीर्ष संतों के पहली और आखिरी मांग सिर्फ और सिर्फ अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की है , ये पूरा मामला देश की सर्वोच्च अदालत में लंबित होने के कारण केंद्र और प्रदेश सरकार तात्कालिक तौर पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर कुछ भी नहीं कर सकती ऐसे में संतों के आक्रोश को शांत करने के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर की जगह रामनगरी को प्राथमिकता में शामिल कर लिया है और इसके लिए प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार ने अपना खजाना खोल दिया है . नव्य अयोध्या प्रोजेक्ट के जरिये भाजपा सरकार एक नयी अयोध्या बसाने जा रही है और इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है
आखिर क्या है योगी सरकार की नयी अयोध्या का कांसेप्ट
रामनगरी अयोध्या के विस्तारीकरण व सौंदर्यीकरण को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा नई योजना बनाई गई है। पुरानी धार्मिक नगरी अयोध्या में सैकड़ों वर्षो पुरानी इमारतों और धार्मिक मंदिरों के होने और पतली सडक़ों के कारण कोई नया बदलाव नहीं हो सकता है. इसलिए पुरानी अयोध्या का विस्तार कर नई अयोध्या बनाने का काम किया जाना है. नई अयोध्या में देश विदेश से आने वाले पर्यटकों की आवश्यकता के अनुरूप होने वाले सभी कार्यो को किया जाएगा .उत्तर प्रदेश शासन के पर्यटन विभाग ने नई अयोध्या बनाने का ठेका लन्दन के कंसल्टेंट एजेंसी प्राइस वाटर हाउस कूपर प्राइवेट लिमिटेड को दिया है. उसकी प्रगति रिपोर्ट भी शासन को भेज दी गयी है.फैज़ाबाद के जिला अधिकारी अनिल कुमार के अनुसार कंसल्टेंट एजेंसी प्राइस वाटर हाउस कूपर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाई गई रिपोर्ट मिल गयी है. इसे शासन के सामने प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा गया है. इस कार्य योजना के लिए कंसल्टेंट एजेंसी पीडब्ल्यूसी एजेंसी के साथ पर्यटन विभाग और अयोध्या-फैजाबाद विकास प्राधिकरण अभी मंथन कर रहे हैं .
अयोध्या से कुछ दूर स्थित इस इलाके में बनेगी नव्य अयोध्या
लखनऊ-गोरखपुर हाइवे पर सरयू नदी के तट पर करीब 4 किमी के इलाके में मांझा बरहटा क्षेत्र है. यहा नव्य अयोध्या के लिए भूमि को चिन्हित करने कार्य अयोध्या-फैजाबाद विकास प्राधिकरण को सौंपा गया है. फैजाबाद विकास प्राधिकरण के अभियंता मनोज मिश्र के अनुसार, यह इलाका डूब क्षेत्र से मुक्त है. बारिश का पानी रोकने के लिए कुछ बांध बनाए जाने की जरूरत होगी. इस इलाके में नव्य अयोध्या के रूप में नए शहर को बसाया जाएगा. यहां आधुनिक शहर की सभी सुविधाएं होगीं. प्राधिकरण यहां भूमि को अधिग्रहित करने का कार्य शुरू हो चुका है योजना को अनुमति मिल गई है . जिसके तहत जहां धार्मिक नगरी अयोध्या के करीब स्थित गाँवों की भूमि को अधिग्रहित कर नव्य अयोध्या नाम के प्रोजेक्ट के तहत एक नया शहर बसाने की योजना है . वही फैजाबाद शहर के व्यस्ततम सिविल लाइन इलाके में एक फाइव स्टार होटल का भी निर्माण होगा . जिससे अयोध्या फैजाबाद के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और दूर दराज से आने वाले सैलानियों को शानदार फाइव स्टार होटल की सुविधाएं प्राप्त होंगी .
500 एकड़ में बनेगी नव्य अयोध्या एएफडीए की बैठक में पास हो चुका है प्रस्ताव बदल जाएगी जुड़वां शहरों की सूरत
इस बड़ी योजना के तहत 500 एकड़ में विकसित होने वाले नए प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिली है , इस योजना के लिए वित्तीय सहायता के लिए शासन को फाइल रवाना कर दी गयी है . बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या के विकास को लेकर बेहद संजीदा हैं चूंकि पौराणिक अयोध्या में मंदिरों और प्राचीन इमारतों के बीच नए निर्माण की संभावाएं कम हैं इसलिए नए शहर को बसाने के लिए नव्य अयोध्या प्रोजेक्ट बनाया गया है .जिसके तहत फैज़ाबाद के सिविल लाइन क्षेत्र में 2200 वर्ग मीटर की परिधि में एक पांच सितारा होटल खोलने अनुमति दी गई है . इसके अलावा नव्य अयोध्या प्रोजेक्ट के तहत अयोध्या के आस-पास के गांव की भूमि को मिलाकर 500 एकड़ की भूमि पर एक नया शहर बसाने की योजना है . इस योजना में भवनों के निर्माण और आम नागरिकों की सुविधाओं से जुड़ी व्यवस्थाएं शामिल होंगी . यह सभी प्रोजेक्ट अयोध्या फैजाबाद विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में पास हुए हैं
अयोध्या की पौराणिक धरोहरों को संजोने के लिए योगी सरकार ने अवमुक्त की बड़ी धनराशी
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या की विश्व प्रयत्न के मानचित्र पर उत्कीर्ण करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश सरकार का खजाना खोल दिया है . बीते गुरवार को लखनऊ में अपने कार्यालय पर अयोध्या के सन्तों से मुलाक़ात करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ सरयू जयंती महोत्सव के लिए 10 लाख रुपये का अनुदान पास किया बल्कि अयोध्या के कुंडों के रखरखाव और सौन्दर्यीकरण के लिए मुख्यमंत्री ने 2 करोड़ 72 लाख रुपये स्वीकृत किये है. जिसमें ब्रहमकुंड के लिए 20 लाख, दशरथ कुंड हेतु 85 लाख, खजुआ कुंड के लिए 65 लाख, गिरजा कुंड के लिए 15 लाख, सीता कुंड के लिए 15 लाख, दंतधावन कुंड के 20 लाख तथा वैतरणी कुंड के लिए 35 लाख सेंशन किया गया है .
पीएम मोदी की नमामि गंगे प्रोजेक्ट का फायदा मिलेगा अयोध्या में सरयू नदी को 37 करोड़ रुपये हुए हैं स्वीकृत
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नमामि गंगे परियोजना का फायदा अयोध्या में सरयू नदी को मिलेगा , एक वृहद्अ कार्य योजना के जरिये अब सरयू नदी में गंदे नाले प्रवाहित न हों इसके लिए केंद्र सरकार ने बड़ी धनराशी अवमुक्त कर दी है . इन गंदे नालों को डायवर्ट करके सीवर ट्रीटमेंट प्लान्ट तक पहुंचाया जायेगा .इसके लिए नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गड़करी ने 37 करोड़ रुपए स्वीकृत किये हैं . बताते चलें कि दो दिन पूर्व लखनऊ में सीएम योगी से मुलाक़ात के दौरान अयोध्या के संतों समेत रामजन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने इस मुद्दे को उठाया था. संतों की मांग पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका प्रस्ताव केन्द्र के समक्ष भेजा था . .सरयू नदी में गंदे नालों के मिलने के कारण इसकी अविरलता प्रभावित होती रही है .अयोध्या में सरयू नदी का जल पूजन से लेकर विभिन्न कार्यों में प्रयोग किया जाता है. इसको लेकर काफी समय से इन नालों को सरयू नदी में प्रवाहित न किये जाने की मांग की जा रही थी. नालों को डायवर्ट किये जाने के बाद अयोध्यावासियों को इस समस्या से निजात मिल जायेगी.सरयू में प्रवाहित होने वालेे पांच नालों में गोलाघाट में दो, गुड़ियाना, राजघाट, निर्मोचन घाट को डायवर्ट किया जायेगा.
Published on:
09 Jun 2018 03:00 pm
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