
ज्येष्ठ माह में क्या करें और क्या न करें
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार होली के बाद फाल्गुन महीने से गर्मी शुरू हो जाती है। लेकिन ज्येष्ठ या जेठ महीने में गर्मी का लेवल बढ़ जाता है। इसलिए जेठ में जल का महत्व बढ़ जाता है। इसीलिए इस महीने जल की पूजा, जल दान और जल बचाने का नियम है। इस महीने ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को गंगा दशहरा और ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी को निर्जला एकादशी व्रत का भी संबंध जल से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि गंगा दशहरा पर गंगा स्नान दस पाप से मुक्ति मिलती है, वहीं निर्जला एकादशी 24 एकादशी में सबसे शुभ और पवित्र है। इससे सभी एकादशी का फल प्राप्त होता है। इस तरह ऋषियों का संदेश नदी का पूजन और ईश्वर पूजन करने का है। ज्येष्ठ माह में दान करना पुण्य कार्य माना जाता है।
Updated on:
24 May 2024 12:39 pm
Published on:
23 May 2024 08:39 pm
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