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Jyeshtha: ज्येष्ठ में जल का बड़ा महत्व, जानें इस महीने कौन सा काम करें और क्या न करें

Jyeshtha start date ज्येष्ठ का महीना हिंदू पंचांग का तीसरा महीना है। 24 मई से शुरू हो रहे इस महीने में कई बड़े व्रत त्योहार पड़ते हैं। इसी के साथ इस महीने भीषण गर्मी पड़ती है। इसलिए जल का महत्व बढ़ जाता है। इसलिए हमारे ऋषि मुनियों ने इस महीने में कौन से काम करने चाहिए और कौन से काम नहीं करने चाहिए ये बताए हैं। आइये जानते हैं ज्येष्ठ महीने में कौन से काम करें और कौन से काम न करें …

भोपालMay 24, 2024 / 12:39 pm

Pravin Pandey

Jyeshtha start date

ज्येष्ठ माह में क्या करें और क्या न करें

ज्येष्ठ माह में जल का महत्व

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार होली के बाद फाल्गुन महीने से गर्मी शुरू हो जाती है। लेकिन ज्येष्ठ या जेठ महीने में गर्मी का लेवल बढ़ जाता है। इसलिए जेठ में जल का महत्व बढ़ जाता है। इसीलिए इस महीने जल की पूजा, जल दान और जल बचाने का नियम है। इस महीने ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को गंगा दशहरा और ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी को निर्जला एकादशी व्रत का भी संबंध जल से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि गंगा दशहरा पर गंगा स्नान दस पाप से मुक्ति मिलती है, वहीं निर्जला एकादशी 24 एकादशी में सबसे शुभ और पवित्र है। इससे सभी एकादशी का फल प्राप्त होता है। इस तरह ऋषियों का संदेश नदी का पूजन और ईश्वर पूजन करने का है। ज्येष्ठ माह में दान करना पुण्य कार्य माना जाता है।

ज्येष्ठ माह में क्या करें

  • वाराणसी के पुरोहित पं शिवम तिवारी के अनुसार ज्येष्ठ माह में जल दान सबसे अधिक पुण्य फलदायक माना जाता है। इसलिए इस महीने राहगीरों को पानी पिलाना चाहिए। इसके लिए प्याऊ की व्यवस्था करने, पशु पक्षियों को पानी पिलाने से शुभ फल मिलते हैं। भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है, इससे ऐसा काम करने वाले व्यक्ति के कष्ट कट जाते हैं। साथ ही देवी-देवताओं और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
  • ज्येष्ठ माह में तांबा और तिल का दान करना चाहिए। इस माह में इन चीजों का दान करने से मंगल दोष से मुक्ति मिलती है।
  • ज्येष्ठ माह में सत्तू का सेवन करना सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
  • ज्येष्ठ महीने में दिन में नहीं सोना चाहिए, अन्यथा व्यक्ति को रोग का सामना करना पड़ सकता है।
  • तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे पेट संबंधी परेशानियां होने लगती हैं।
  • ज्येष्ठ माह में पानी का सदुपयोग करना चाहिए।
  • जेठ में भगवान विष्णु, शनि देव, हनुमान जी की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि इनकी पूजा से सभी काम में सफलता मिलती है। जाने-अनजाने में किए गए पाप से भी छुटकारा मिल जाता है।
  • जेठ में बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल के दिन व्रत रखकर हनुमान जी की पूजा करने का विधान है, जो व्यक्ति 4 बड़े मंगलवार का व्रत करता है, बजरंगबली उसकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।
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जेठ में न करें ये काम

  • जेठ में कभी भी घर के बड़े बेटे या बेटी की शादी, बड़े लड़के या लड़की से नहीं करनी चाहिए। मान्यता है कि जेठ में 3 ज्येष्ठ काम नहीं करते वर्ना इसके अशुभ फल मिलते हैं।
  • ज्येष्ठ में मसालेदार खाना, मांस या गर्म तासीर वाली वस्तुओं के सेवन से बचना चाहिए।
  • आपके द्वार पर कोई प्यासा आता है तो उसे पानी पिलाए बगैर जाने न दें।
  • ज्येष्ठ में दोपहर के समय यात्रा करने से बचें और शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखना चाहिए वर्ना सूर्य की तपिश बीमार कर सकती है।
  • ज्येष्ठ में दोपहर के समय सोने से बचें। इस महीने बैंगन न खाएं। मान्यता है कि इसकी अनदेखी करने से संतान को हानि हो सकती है।

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