
FPI Surcharge पर सीतारमण ने झाड़ा पल्ला, कहा- सफाई देने की अभी कोई जरूरत नहीं
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार प्रेस कॉफ्रेंस की। इस दौरान उन्होंन अपनी उपलब्धियों को गिनाया और बैंकों के मर्जर को लेकर बड़ा एलान किया है। घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुनाफे में सुधार हुआ है। साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रॉस एनपीए में कमी देखने को मिली है। यह हम सभी के लिए बड़ी कामयाबी है।
कम हुआ बैंकों का NPA
बैंक का कुल फंसा कर्ज ( NPA ) दिसंबर 2018 के अंत में 8.65 लाख करोड़ रुपये से घटकर मार्च 2019 अंत में 7.9 लाख करोड़ रुपये रह गया। वित्त मंत्री ने कहा कि आंशिक ऋण गारंटी योजना के क्रियान्वयन से गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ( NBFC ) और आवास वित्त कंपनियों के लिए पूंजी आधार में सुधार आया है।
बैंकों को दी जाएगी 30 हजार करोड़ की मदद
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बैंकों में 3,300 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जा चुकी है और अतिरिक्त 30,000 करोड़ रुपये देने की तैयारी है। सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को लेकर उठाए कदमों की घोषणा करने के लिए अपने दूसरे संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शुरू किए गए सुधारों का परिणाम दिखने लगा है। 2019-20 की पहली तिमाही में उनमें से 14 बैंकों ने मुनाफा दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों में नीरव मोदी जैसी धोखाधड़ी रोकने के लिये स्विफ्ट संदेशों को कोर बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा गया है।
इन बैंकों में पूंजी डालेगी सरकार
1. इंडियन बैंक- 2500 करोड़ रुपये
2. केनरा बैंक- 6500 करोड़ रुपये
3. बैंक आफ बड़ौदा- 7000 करोड़ रुपये
4. यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया- 1600 करोड़ रुपये
5. बैंक ऑफ इंडिया- 11700 करोड़ रुपये
6. पीएनबी- 16000 करोड़ रुपये
7. ओवरसीज बैंक- 3800 करोड़ रुपये
8. यूको बैंक- 2100 करोड़ रुपये
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Updated on:
31 Aug 2019 09:54 am
Published on:
31 Aug 2019 09:53 am
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