
Budget 2019: सर्वे में खुलासा, टैक्सपेयर्स को नहीं है डायरेक्ट टैक्स में चेंज होने की उम्मीद
नई दिल्ली। 5 जुलाई को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Finance Minister Nirmala Sitharaman ) बजट 2019 ( budget 2019 ) संसद के पटल पर पेश करेंगी। उससे पहले देशभर में कयासों का दौर शुरू हो गया है कि इस बार सरकार देश के लोगों को इनकम टैक्स ( Income Tax ) में कितनी राहत दे सकती या नहीं है। अगर राहत मिलती है तो कितनी मिल सकती है। वहीं दूसरी ओर केपीएमजी का सर्वे ( KPMG Survey ) आया है। जिसमें लोगों से बात की गई है। अधिकतर लोगों का मानना है कि इस बार सरकार डायरेक्ट टैक्स ( direct tax ) में किसी तरह की कोई राहत नहीं देगी। मौजूदा स्थिति ही बनी रहेगी। केपीएमजी की ओर से कई तरह की बातें कहीं है। आइए आपको भी बताते हैं...
केपीएमजी की रिपोर्ट में खुलासा
केपीएमजी के बजट पूर्व सर्वेक्षण में शामिल किए गए करदाताओं में से लगभग 53 फीसदी महसूस करते हैं कि प्रत्यक्ष करों या डायरेक्ट टैक्स पर कोई बड़ी घोषणा नहीं होने वाली है। वहीं लगभग 27 फीसदी टैक्सपेयर्स का का कहना है कि बड़े बदलाव होंगे, जबकि 20 फीसदी किसी बदलाव के बारे में सुनिश्चित नहीं हैं। रिपोर्ट के अनुसार नया और सरलीकृत प्रत्यक्ष कर संहिता ( Direct tax code ) तैयार हो रहा है और अधिकांश टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि केंद्रीय बजट 2019-20 में प्रत्यक्ष कर नीति ( Direct tax policy ) में किसी बड़े संशोधनों की घोषणा नहीं होने वाली है।
इनमें भी नहीं होगा बदलाव
रिपोर्ट के अनुसार न्यूनतम वैकल्पिक कर, लाभांश वितरण कर, सरचार्ज और सेस जैसी लेवी में भी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। सर्वेक्षण में शामिल अधिकांश कंपनियों को भी कॉरपोरेट कर में कटौती की उम्मीद नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक अधिकतर टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि छोटी कंपनियों पर लागू 25 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की संभावना नहीं है। वहीं एलएलपी ( लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप ) के लिए टैक्स रेट को भी कंपनियों के लिए लागू दर के समान कर दिया जाएगा।
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Published on:
03 Jul 2019 12:29 pm
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