
FM present economic survey, GDP growth estimated to be 5 percent
नई दिल्ली। शुक्रवार को संसद में बजट सत्र शुरू होने और देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा सदनों को संबोधित करने के बाद देश का आर्थिक सर्वे पेश किया गया। वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वे में बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष की आर्थिक विकास दर 5 फीसदी रह सकती है, जोकि 11 सालों का निचला स्तर है। वहीं उन्होंने आने वाले वित्त वर्ष 2020-21 के विकास दर का अनुमान 6 फीसदी से 6.5 फीसदी तक रह सकती है। आपको बता दें कि केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से भी मौजूदा वित्त वर्ष की जीडीपी दर का अनुमान 5 फीसदी लगाई थी। दिलचस्प बात ये है कि इस बार आर्थिक सर्वे हल्के बैंगनी रंग में छपा, जैसा कि 100 रुपए के नए नोट का रंग होता है।
वैश्विक मंदी का भारत पर असर का जिक्र
आर्थिक सर्वे के अनुसार देश की ग्रोथ को बढ़ाने के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में वित्तीय घाटे के टारगेट से पीछे हटना पड़ सकता है। वैश्विक आर्थिक कमजोरी का असर भारत पर भी पड़ रहा है। फाइनेंशियल सेक्टर में लगातार परेशानियां बढ़ रही है। जिसकी वजह से निवेश में कमी आई है और ग्रोथ घटी है। सर्वे में साफ कहा गया है कि संपत्ति के वितरण से पहले संपत्ति जुटाना काफी जरूरी हो गया है। साथ ही देश के कारोबारियों को सम्मान की नजर देखा जाना काफी जरूरी है।
एक्सपोर्ट को बढ़ाने के दिए सुझाव
सर्वे में कहा गया है कि मैन्युफैक्चरिंग में असेंबलिंग इन इंडिया फॉर वल्र्ड जैसे विचारों की जरूरत है। इससे रोजगार बढ़ाने में मदद मिलेगी। प्याज जैसी कमोडिटी की कीमतों में स्थिरता लाने के लिए सरकार के उपाय प्रभावी साबित होते नहीं हुए। वहीं दूसरी ओर एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए बंदरगाहों से लालफीताशाही खत्म करने की सलाह दी गई है। वहीं सर्वे में बिजनेस शुरू करने, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन, टैक्स भुगतान और कांट्रैक्ट लागू करने के नियमों को आसान बनाने के सुझाव दिए गए हैं। वहीं सरकारी बैंकों के कामकाज में सुधार और भरोसा बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा जानकारियां सार्वजनिक की जानी चाहिए।
6 महीने में तैयार हुआ सर्वे
मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन का कहना है कि उनकी टीम ने कड़ी मेहनत कर इस बार सिर्फ 6 महीने में आर्थिक सर्वेक्षण तैयार किया। आपको बता दें कि पिछले साल जुलाई में बजट हुआ था। 4 जुलाई को आर्थिक सर्वे पेश किया गया था। आर्थिक सर्वेक्षण से पता चलता है कि बीते साल में आर्थिक मोर्चे पर देश का क्या हाल रहा। आर्थिक सर्वे के जरिए मुख्य आर्थिक सलाहकार सरकार को सुझाव भी देते हैं, ताकि इकोनॉमी के लक्ष्यों को हासिल किया जा सके। देश की वित्त मंत्री एक फरवरी यानी शनिवार को आम बजट पेश करेंगी। इस बार बजट सत्र को दो चरणों में रखा गया है। पहला चरण शुरू हो गया है। जो 11 फरवरी तक चलेगा। वहीं दूसरा चरण 2 मार्च से शुरू होकर 3 अप्रैल तक चलेगा।
Updated on:
01 Feb 2020 09:57 am
Published on:
31 Jan 2020 02:19 pm
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