
3 lakh crore package inadequate for MSME units in bhilwara
नई दिल्ली। सरकार इमर्जेसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम ( Government Emergency Credit Line Guarantee Scheme ) के तहत एमएसएमई सेक्टर ( MSME Sector ) की तरलता चिंताओं को दूर करने में पूरी तरह जुटी हुई है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ( Finance Minister Nirmala Sitharaman ) ने इस संबंध में सोमवार को निजी बैंकों ( Private Banks ) और एनबीएफसी ( NBFC ) के साथ एक बैठक की और एमएसएमई सेक्टर को तरलता उपलब्ध कराने को लेकर उनकी तैयारियों का जायजा लिया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एमएसएमई को ऋण उपलब्ध कराने में सबसे आगे हैं। वास्तव में 12 पीएसबी ने इस योजना के तहत नौ जून तक 14,690.84 करोड़ रुपए ऋण जारी कर दिए हैं। लेकिन निजी बैंकों के प्रदर्शन इस मामले में सुस्त है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक बैठक की
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को ट्वीट किया, "वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, ईसीएलजीएस के प्रभावी क्रियान्वयन और इस कठिन समय में एमएसएमई को निर्बाध/आसानी से तरलता सुनिश्चित कराने के लिए प्रमुख निजी बैंकों और एनबीएफसी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक बैठक की अध्यक्षता कर रही हैं।" बैठक में इस चर्चा की भी उम्मीद है कि निजी सेक्टर देश के आर्थिक मूड को ऊपर उठाने और कारोबारों को गहरे संकट में जाने से बचाने को लक्षित मदद के उपायों में किस तरह की भूमिका निभा सकते हैं।
पिछले महीने की थी ईसीएलजीएस की घोषणा
ये ऋण मौजूदा संकट के समय में एमएसएमई सेक्टर की तरलता जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा घोषित तीन लाख करोड़ रुपये के इमर्जेसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के तहत दिए जा रहे हैं। ईसीएलजीएस स्कीम पिछले महीने सीतारमण द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत मिशन पैकेज का सबसे बड़ा वित्तीय घटक है।
Updated on:
15 Jun 2020 08:46 pm
Published on:
15 Jun 2020 08:44 pm
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