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सफलता के लिए मन में विश्वास होना जरूरी : कृष्णप्रिया

सांईखेड़ा में श्रीमद्भागवत के साथ रासलीला का आंनद ले रहे लोग

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सफलता के लिए मन में विश्वास होना जरूरी : कृष्णप्रिया

सांईखेड़ा में श्रीमद्भागवत के साथ रासलीला का आंनद ले रहे लोग

सांईखेड़ा-गाडरवारा। दादा धूनीवालों की लीला स्थली साईंखेडा के दादा दरबार गाडरवारा रोड साईंखेडा मे छोटे सरकार जी महाराज के पावन सानिध्य में श्रीमद भागवत कथा और रासलीला महोत्सव का भव्य आयोजन चल रहा है। यहां प्रात: काल से ही भजन पूजन का दौर चलता रहता है। ब्राम्हणों द्वारा रुद्री आदि वैदिक मंत्रों का जाप किया जाता है। भक्तों द्वारा भजन किया जाता है, सभी भक्तों ने छोटे सरकार जी महाराज का दर्शन प्राप्त किया। वहीं दोपहर तीन बजे से श्रीमद भागवत कथा महापुराण प्रारंभ होती है। तदोपरांत रात्रि में वृंदावन धाम से आई रास मंडली द्वारा रासलीला का मंचन किया जा रहा है।
तृतीय दिवस की श्रीमद भागवत कथा में कथा वाचिका कृष्णप्रिया जी ने युवाओं के लिए कहा कि आज के युवा कामयाबी को इसलिए हासिल नहीं कर पाते, क्योंकि कहीं न कहीं उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है। जहां विश्वास नहीं हो पाता, वहां व्यक्ति कभी अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकता। क्योंकि अगर ये विश्वास भगवान पर किया जाए तो भगवत प्राप्ति होती है और यही विश्वास यदि किसी वस्तुए किसी अन्य चीज को पाने में लगाया जाए तो उस चीज को पाने की असम्भव से असम्भव चीज की भी संभावना होती है। लेकिन विश्वास का होना अत्यंत आवश्यक है। आगे भगवान की अद्भुत परिभाषा बताते हुए कहा कि भगवान ने इस अद्भुत सृष्टि की रचना की है। इस शरीर के अंदर जैसे आत्मा है वैसे ही परमात्मा है। जैसे एक छोटा सा अंश आत्मबिन्दु, जैसे एक छोटी सी बूंद का आप अस्तित्व देखते हैं तो सागर का भी अस्तित्व है। एक अणु से विभू की ओर जाना। तो आत्मा अणु है और विभू परमात्मा जिनकी वजह से हम सभी चल रहे हैं। बड़ी अद्भुत सृष्टि की रचना है। लोग हिमालय पर इसलिए जाते थे कि उन्होंने परमात्मा के उस बह्मांड स्वरूप को, ब्रह्म स्वरूप को हर एक पत्ते, डाली, पशु, पक्षी, रंग विशेष सब में देखा है। सबमें उसकी चेतनता का निवास और उसका आभास उन्हें हुआ है।
तृतीय दिवस की रास लीला भगवान राधा कृष्णा की भव्य झांकी के दर्शन के साथ प्रारंभ हुई। उसके बाद श्री भगवान कृष्ण लाल की बाल लीलाओं का दर्शन हुआ। भगवान देवकीनंदन श्रीकृष्ण की माखन चोरी लीला का बहुत ही सुन्दर मंचन किया गया। ऐसा लग रहा था मानो भगवान ही यहां लीला दिखा रहे हों। श्रीमद भागवत कथा एवं रास लीला में हजारो की संख्या में धर्मंप्रेमी बंधु और मातायें, बहने धर्मलाभ उठाने पहुंच रही हैं। बता दें साईंखेड़ा नगर में प्रथम बार किसी साध्वी की भागवत कथा एवं कई दशकों के बाद ऐसी भव्य रास लीला का आयोजन हो रहा है।