
गाजियाबाद. राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के ट्रांस हिंडन एरिया कौशाबीं को अब खारे पाने से निजात मिल सकेगी। इससे लिए करीब 342 करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे। इस रकम की लागत में 100 क्यूसेक गंगाजल प्लांट तैयार किया जाएगा। ताकि खारे पानी को मीठे पानी में तब्दील किया जा सके। जल निगम प्लांट का निर्माण कराएगा, शहर में जीडीए, नगर निगम औऱ सिंचाई विभाग मिलकर इसका खर्चा उठाएगे। जल निगम 30 अप्रैल तक इसकी डीपीआर को तैयार करके शासन को भेजेंगा। वहां मुहर लगने के बाद में काम को आगे बढाया जाएगा।
दरअसल अभी वैशाली, वसुधरा, मोहनगर, लाजपतनगर समेत कई इलाकों में खारे पानी की सप्लाई होती है। अालम यह रहता है कि बिना वाटर प्यूरीफायर के यहां लोग पानी नहीं पी सकते। एसी और कूलर भी सालभर में बेकार हो जाते है। इसके अलावा कपडों की धुलाई करने पर रंग उतर जाता है। लोगों की तरफ से काफी समय से गंगाजल सप्लाई की मांग की जा रही थी। यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो जल्दी ही ट्रांस हिंडन क्षेत्र के लोगों को खारे पानी से निजात मिल जाएगी।
शासन ने 342 करोड़ की लागत से बनने वाले प्लांट की डीपीआर मांग ली है। डीपीआर 30 अप्रैल तक शासन को भेज दी जाएगी। तीन विभागों के बीच तालमेल नहीं होने के कारण हुई देरी प्लांट के लिए सिंचाई एवं जल संसाधान विभाग, नगर निगम और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को धन दिया जाना है,लेकिन तीनों ही विभागों में तालमेल नहीं बन पा रहा था। इन्हीं कारणों से यह परियोजना परवान नहीं चढ़ रही थी।
शासन स्तर से योजना से जुड़े सभी विवाद सुलझा लिए हैं।
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शासन ने जल निगम से 30 अप्रैल तक प्लांट की डीपीआर मांगी है ताकि इसे स्वीकार कर काम शुरू कराया जा सके। सिंचाई विभाग के अधिकारियों के मुताबिक निर्माण पर कुल 342 करोड़ रुपये खर्च आएगा। जिसमें जीडीए 40 करोड़, नगर निगम 30 करोड़ करोड़ रुपये देगें। सिंचाई एवं जल संसाधान विभाग से 272 करोड़ रुपये का इंतजाम करने का अनुरोध किया गया है। मुरादनगर गंगनहर से इस पानी की आपूर्ति होगी। मेयर आशा शर्मा ने बताया कि शहर के हित में जो भी सहयोग मांगा जाएगा। नगर निगम उसमें अपनी भागीदारी के हिसाब से पूरा करेगा।
Updated on:
03 Apr 2018 07:07 am
Published on:
02 Apr 2018 11:25 pm
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