
वैभव शर्मा
गाजियाबाद। स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर नगर निगम गाजियाबाद में घोटालों का दौर लगातार जारी है। निगम के विकास कार्यों में पारदर्शिता की बात करके दोबारा से निगम की सत्ता में आने वाली भाजपा में हर तरीके से घोटाला किया जा रहा है। पत्रिका डॉटकॉम ने पिछली सीरीज में बताया था कि किस तरीके से टॉयलेट बनवाने के नाम पर करोड़ों रूपये का खेल किया गया।
अब स्वच्छ भारत मिशन से जुड़ा ही एक और मामला सामने आया है। जिसमें स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर को साफ करने और अन्य सुविधाओं को पूरा करने के लिए नए वाहन खरीदे गए। ये वाहन बदस्तूर अपना काम कर रहे हैं। लेकिन आज तक भी इन वाहनों को आरटीओ विभाग से रजिस्टर्ड नहीं कराया गया है। इसकी वजह से सीधे तौर पर राजस्व का चूना लगाया जा रहा है।
हापुड़ जनपद तक का करते हैं सफर
वहीं बिना नम्बर के ये वाहन लोगों के लिए यमराज साबित हो रहे हैं। गाजियाबाद में इन वाहनों से निगम की लाइटिंग, कूड़े को उठाने का काम किया जाता है। नम्बर रजिस्टर्ड न होने की वजह से इनका कोई बीमा भी नहीं है। जबकि वाहन पिलखुआ के पास गालंद तक वाहनों में कूड़ा भरकर डम्प करने के लिए लिए जाते हैं। ऐसे में अगर इनसे कोई हादसा घटित होता है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। रजिस्ट्रेशन नंबर के नाम पर केवल नगर निगम शब्द मोटे अक्षरों में अंकित कर दिया गया है।
शहरी विकास मंत्री ने दिखाई थी हरी झंडी
ये तमाम वो वाहन हैं जिन्हें निकाय चुनाव से पहले प्रदेश के शहरी विकास मंत्री सुरेश खन्ना के द्वारा हरी झंडी दिखाई गई थी। निगम सूत्रों के मुताबिक तब से अब तक य़े बिना नम्बर के ही सड़क पर दौड़कर निगम का काम निबटा रहे हैं।
कौन-कौन से बिना नम्बर के वाहन
केंद्र सरकार से स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर हाल में मिले बजट के क्रम में नगर निगम द्वारा लगातार वाहनों की खरीद की जा रही है। बिना नम्बर वाले वाहनों में 80 ऐसे है जिन्हे डोर टू डोर कूडा कलेक्शन के लिए लगाया गया है। इसके अलावा साठ दूसरे बडे एवं लाइट विभाग के भी वाहन है। जिनकी मदद से एलईडी को सही किया जाता है। निगम के कविनगर जोन एवं सिहानी स्थित स्टोर आदि पर अनेक ऐसे निगम के हेल्थ और लाइट विभाग के वाहन देखने को ले सकते है।
बिना नम्बर के सड़क पर नहीं उतर सकत एआरटीओ प्रशासन विश्व जीत के मुताबिक नियमों के हिसाब से जनपद में गाजियाबाद से गाडी खरीद की गई है तो एक सप्ताह के भीतर और दूसरे स्टेट से खरीदी जाने वाली गाड़ी का एक माह के भीतर रजिस्ट्रेशन कराया जाना चाहिए है। एक माह के भीतर यदि वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया जाता है तो पांच प्रतिशत जुर्माने की व्यवस्था है इससे भी विलंब की स्थिति में हर माह जुर्माने की राशि बढ़ जाती है। अगर निगम बगैर किसी रजिस्ट्रेशन के वाहनों का संचालन कर रहा है तो निश्चित तौर से गंभीर पहलू है। बगैर रजिस्टर्ड वाहनों को जब्त किया जाएगा।
नगर आयुक्त का कहना
नगर आयुक्त चंद्र प्रकाश सिंह का कहना था कि डाटा से वाहनों के चेसिस नंबर नहीं मिल पा रहे थे, जिसके चलते रजिस्ट्रेशन कराने में अड़चनें आड़े आ रहीं थीं। साथ ही ऑनलाइन व्यवस्था में भी अड़चनें आ रहीं थीं। अगले एक सप्ताह के भीतर नए वाहनों का रजिस्ट्रेशन करा दिया जाएगा।
जब्त किए जाएंगे वाहन
ट्रैफिक इंस्पेक्टर रमेश तिवारी ने कहा कि बगैर रजिस्ट्रेशन के वाहनों के संचालन का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। ऐसे वाहनों को जब्त किया जाएगा।
Updated on:
12 Mar 2018 04:00 pm
Published on:
12 Mar 2018 03:57 pm
बड़ी खबरें
View Allगाज़ियाबाद
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
