
इस काम के लिए गाजियाबाद से दुबई भेजी जानी थी 28 युवतियां, पुलिस ने बचा ली जिंदगी
गाजियाबाद . यहां के इंदिरापुरम इलाके में मानव तस्करी का एक मामला सामने आया है। 28 नेपाली लड़कियों को को एक फ्लैट से मुक्त कराया गया है। इन्हें बंद करके रखा गया था। फ्लैट से बरामद हुई लड़कियों को दिल्ली से खाडी देशों में भेजने की तैयारी की जा रही थी। उसे पहले ही दिल्ली व गाजियाबाद पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर लड़कियों को आरोपियों के चंगुल से मुक्त करा लिया। मौके से पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
गाजियाबाद के एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि नेपाल से लाकर इन सभी लड़कियों को विदेशों में भेजा जाना था। गिरफ्तार किए 5 आरोपियों में से एक नेपाल के काठमांडू का रहने वाला है। यह लड़कियों को नौकरी दिलाने के नाम पर भारत भेजा जाता था। उन्होंने बताया कि 2 से 3 महीने पहले इन सभी लड़कियों को लाया गया था। उन्होंने बताया कि जांच में सामने आया है कि नेपाल का रहने वाला आरोपी को लड़की लाने के लिए ₹5000 दिए जाते थे। उसी के द्वारा नौकरी के नाम पर लाई गई इन लड़कियों को खाडी देशों में भेजा था। पुलिस की गिरफ्त में आया केदारनाथ मानव तस्करी का मास्टर माइंड बताया जा रहा है।
नौकरी दिलाने के लिए ही केदारनाथ खुद लेकर उन्हें आया था। यहीं से 2 लड़की छूटकर दिल्ली चली गई थी। उन्होंने आपबीती दिल्ली में रहने वाले भाई को बताई थी। फ्लैट का बाहर से ताला लगाकर रखा जाता था। नेपाली लड़की ने बताया कि बीते 2 महीने से सभी को फ्लैट में बंद कर रखा हुआ था।
मानव तस्करी के बढ़ रहे है मामले
मानव तस्करी के मामले में इजाफा हो रहा है। इंदिरापुुरम में पकड़ी गई नेपाली लड़कियां से पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके है। 2 मार्च 2018 को डासना से दिल्ली पुलिस ने मानव तस्करी करने वाले दंपति को पकड़ा था।पुलिस ने दावा किया था यह दंपति नाबालिग लड़कियों को बड़े उम्र के लोगों को बेचकर मोटी कमाई करते थे। वहीं 10 जुलाई 2018 को गाजियाबाद से हावड़ा पुलिस ने 2 लड़कियों को मुक्त कराया था। साथ ही हावड़ा पुलिस ने गाजियाबाद से 7 बदमाशों को अरेस्ट किया था। यह गिरोह उड़ीसा और बंगाल से लाकर दिल्ली एनसीआर में लड़कियों को बेच दिया करता था।
खाड़ी देशों में फैला है नेटवर्क
गिरफ्तार आरोपी केदरनाथ ने पुलिस को बताया कि वह नेपाल व खाड़ी देशों में दलालों के संपर्क में रहता था। लड़कियों को भारत के रास्ते खाड़ी देशों में भेजा जाता था। दरअसल में नेपाल से उन्हें सीधा नहीं भेजा जा सकता था। लिहाजा उन्हें नेपाल से भारत लाकर लड़कियों को बहरीन, इराक, सुंयुक्त अरब अमीरात, कतर, ओमान, साउदी अरब, कुवैत आदि देशों में बेचा जाता था। फर्जी पासपोर्ट और वीजा बनाकर ही दलाल उन्हें वहां भेजते थे। लड़कियों को रखने के लिए 5 से 7 हजार रुपये मिलते थे।
एनजीओ करेगी काउंसिलिंग
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ 370, 371, 342 व अनैतिक देह व्यापार की धाराओं में में इंदिरापुरम थाने में अभय खंड चौकी इंजार्च की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि फिलहाल सभी लड़कियों को बचपन बचाओ एनजीओ से संपर्क किया गया है। एनजीओ में तैनात महिलाएं इनकी काउंसिलिंग करेंगी।
Published on:
23 Oct 2018 02:40 pm
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