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जमानत पर रिहा हापुड़ लिंचिंग का मुख्य आरोपी बोला एक नहीं, हज़ारों को मारूंगा

स्टिंग में खतरनाक चेहरा आया सामने

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Mob lynching

जमानत पर रिहा हापुड़ लिंचिंग का मुख्य आरोपी बोला एक नहीं, हज़ारों को मारूंगा

गाजियाबाद. हापुड़ लिंचिंग में एस शख्स की हत्या और एक को घायल करने के आरोपियों में से चार पुलिस की करतूतों की वजह से पहले जमानत पर रिहा हो गए और अब खुलेआम धमकियां दे रहे हैं। इन आरोपियों में से मुख्य आरोपी राकेश सिसोदिया को कानून का कोई डर नहीं है। वह यह बात गर्व से कह रहा है कि एक नहीं हज़ारों को मारेंगे। दरअसल, एनडीवी टीवी ने एक स्टिंग ऑपरेशन कर इसके असली चेहरे को सभी के सामने ला दिया है। इस स्टिंग ऑपरेशन में सिसोदिया ने जो बाते कही है। उसे सुनकर आपके होश फाख्ता हो जाएंगे। आपको यह भी समझ में नहीं आएगा कि इस देश में कानून का राज है भी या नहीं। स्टिंग में सिसोदिया खुलेआम यह कहता हुआ दिख रहा है कि एक नहीं हज़ारों को मार देगा। इसके साथ ही वह अपने किए पर शर्मिंदा होने के बजाए खुलेआम उसका बखान कर रहा है। वह कहता दिख रहा है कि वह गाय की हत्या कर रहा था। इसलिए हमने भी उसकी हत्या कर दी। अगर अब भी कोई गाय की हत्या करेगा तो उसकी भी हत्या कर दूंगा। उसने जेल में गुजारे दिन का भी बहुत ही गर्व के साथ बखान किया। राकेश ने बताया कि ज़मानत पर जेल से छूटने के बाद उसका हीरो की तरह स्वागत हुआ और इससे उसके समर्थकों की फौज भी बढ़ गई। इस पूरे मामले में उसे एकमात्र ग़लती यह नजर आई कि इस पूरी घटना का उसके लड़कों ने मोबाइल पर वीडियो बना लिया। उसने बताया कि इस बार पुलिस उनके साथ है, जबकि पिछली सरकारों में ऐसा नहीं होता था। वहीं, मरते वक्त कासिम को पानी नहीं देने पर बोला कि जब वह पानी मांग रहा था तो मैंने कहा तुझे पानी पीने का हक नहीं है। तूने मरती हुई गाय को पानी नहीं दिया है और ये मेरी फौज तुझे भी नहीं छोड़ेगी। शायद उसे इसलिए डर नहीं है कि जो लोग उसे जेल से निकालकर हीरो की तरह घर ले गए, उनकी पहुंच सरकार के भीतर है?

दरअसल, इस वर्ष 18 जून को उत्तर प्रदेश के हापुड़ में कथित गोकशी के आरोप में कासिम कुरैशी नामक एक शख्स को भीड़ ने हमलाकर मार दिया था। वहीं, उन्हें बचाने आए एक और बुजुर्ग समीउद्दीन को भीड़ ने बुरी तरह पीटकर घायल कर दिया था। घटना का वीडियो वायरल हो गया था। इस वीडियो में साफ देखा जा सकता ता कि भीड़ ने बकरी का कारोबार करने वाले 45 वर्षीय कासिम को बुरी तरह पीटा। इस दौरान घायल कासिम ने जब भीड़ से उन्होंने पानी की मांग की तो किसी ने उसे पानी तक नहीं दिया, जिससे बाद उसकी मौत हो गई। इस मामले में हद तो तब हो गई जब, घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस के सामरे अधमरे कासिम को घसीटकर पुलिस की गाड़ी में डाला गया था। पुलिस की इस कृत्य का वीडियो वायरल होने पर जब किरकिरी हुई तो यूपी पुलिस को माफी मांगने के लिए भी मजबूर होना पड़ा था। वहीं, इस घटना में भीड़ ने 65 साल के समीउद्दीन को भी बुरी तरह पीटा था। इस दौरान उपद्रवियों ने कई बार उनकी दाढ़ी खींची और गाय को मारने का आरोप लगाते हुए भद्दी-भद्दी गालियां भी दीं। इस मामले में पुलिस ने नौ लोगों को गिरफ़्तार किया। इन सभी आरोपियों के खिलाफ दंगा करने, हत्या की कोशिश और हत्या के आरोप लगाए गए। इतने गंभीर आरोपों के बावजूद इन नौ आरोपियों में से 4 ज़मानत पर बाहर आ गए हैं।

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इस को पुलिस ने रोड रेज का केस बना दिया था। हालांकि, खुद पुलिस की केस डायरी में लिखा है कि गो हत्या को लेकर मामला भड़का था। यहीं वजह है कि बेल ऑर्डर में इस अंतर्विरोध का भी ज़िक्र है। पुलिस कहती है कि उसके पास इस घटना के दूसरे पीड़ित और एक मात्र जिंदा बचे समीउद्दीन का बयान है, जबकि समीउद्दीन का कहना है कि उसने कोई बयान ही नहीं दिया है। मृतक कासिम के परिवार वालों ने भी कहा कि कासिम बकरी का कारोबार करता था, गाय का नहीं। जबिक एनडीटीवी के इस स्टिंग में मुख्य आरोपी भी ये मान रहा है कि कासिम की हत्या गो हत्या की वजह से ही की गई थी। यानी इस मामले में पुलिस की जांच में खामियां साफ नज़र आ रही है। सबसे बड़ी बात ये है कि पुलिस FIR में इसे road rage का मामला बताया, जबकि पहले वायरल हुए वीडियो और स्टिंग के वीडियो सबूत कुछ और कह रहे हैं। यानी आरोपी और पीड़ित दोनों ही पक्षों का कहना है कि ये हमला गाय मारने को लेकर हुआ। मुख्य आरोपियों में से एक को तो इस मामले में अपनी भूमिका पर कोई पछतावा नहीं है।

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