9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यूपी में फिर बड़ा घोटाला आया सामने, लखनऊ से लेकर दिल्ली तक मचा हड़कंप

किसानों को बिना जमीन अधिग्रहण ही दे ही दिया गया मुआवजा

2 min read
Google source verification
CM Yogi

CM Yogi

नोएडा. यूपी में एक के बाद एक भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो रहे हैं। हालात ये है कि जब भ्रष्टाचार की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से की गई, तब जाकर मामले की जांच हुई और भ्रष्टाचार के इस मामले का खुलासा हो पाया। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण और मुआवजा वितरण में यह घोटाला सामने आया है। दरअसल, ग्राम डिडवारी के दो किसान भाइयों ने बिना एक्सप्रेस-वे में जमीन दिए ही 56 लाख रुपए का मुआवजा उठा लिया। जब मामले की शिकायत मंडलायुक्त और प्रधानमंत्री कार्यालय से की गई तो जांच होने पर मामला सच साबित हुआ।

ट्रेन में बिकने वाली चाय में इस्तेमाल किया जाता है यहां का पानी, देखने के बाद भूल जाएंगे ट्रेन में चाय पीना

गौरतलब है कि दिल्ली-मेरठ एकसप्रेस-वे का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) करा रही है। इसी के लिए के हुए जमीन गाजियाबाद के रजापुर ब्लॉक के पूर्व मंडल अध्यक्ष भाजपा यतेंद्र सिंह ने मेरठ के मंडलायुक्त डॉ.प्रभात कुमार सिंह, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय में पत्र लिखकर शिकायत की। इस में उन्होंने बताया ता कि डिडवारी चितौड़ा गांव के दो भाई दुलीचंद और गोपीचंद ने एनएचएआइ और प्रशासन के कुछ अफसरों से साठगांठ कर एक्सप्रेस-वे में बिना जमीन दिए ही करीब 56 लाख रुपये का मुआवजा 2014 में उठा लिया। दोनों भाइयों ने रकबा नंबर 514 से 1245 मीटर जमीन का मुआवजा उठाया। इसमें से दुलीचंद ने 27, 81, 368 और गोपीचंद ने 27,81, 412 रुपये का मुआवजा उठा लिया।

सीएम योगी के खासमखास ये शख्स सट्टेबाजी के आरोप में हुआ गिरफ्तार तो मची खलबली

शिकायतकर्ता ने पाया कि दोनों भाइयों ने जिस जमीन का मुआवजा उठा है, वह जमीन एक्सप्रेस-वे से करीब एक किलोमीटर अंदर की ओर है। शिकायत के बाद मामले की जांच मंडलायुक्त ने डीएम को कराने के निर्देश दिए। डीएम के आदेश पर एडीएम वित्त एवं राजस्व सुनील कुमार सिंह ने जांच की तो मामले में अनियमितता खुलकर सामने आ गई। जांच में पाया गया कि जिस जमीन का मुआवजा आरोपितों ने लिया है, वह जमीन एक्सप्रेस-वे के एलाइनमेंट से लगभग ढाई सौ मीटर दूर है। कोई भी रास्ता जमीन तक जाने के लिए नहीं है। एनएचएआइ ने एक्सप्रेस-वे के सीमांकन के समय कोई ध्यान नहीं दिया।

UP में भ्रष्टाचार उजागर करने पर योगी सरकार के इस अफसर ने चैनलों पर दर्ज कराया FIR, पत्रकारों में ऊबाल

संबंधित अधिकारी ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर एनएचएआइ के चेयरमैन को नोटिस भेजा जा रहा है। बिना जमीन दिए जिन्होंने लाखों रुपया ले लिया है। जिसे दुबारा वापस पाने के लिए प्रशासन को अब मशक्कत करनी पड़ रही है। वहीं, एडीएम वित्त एवं राजस्व सुनील कुमार सिंह ने इस पूरे मामले पर कहा कि शिकायत मिली थी कि डिडवाड़ी चितौड़ा के दो भाइयों ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे में जमीन दिए बिना ही करीब 56 लाख रुपये का मुआवजा उठा लिया है। जांच की गई तो मामले में एनएचएआइ की अनियमितता सामने आई है। सीमांकन के समय इसका ध्यान नहीं दिया गया।

देखें वीडियोः पड़ोसन के संग रंगरेलिया मना रहा था शख्स, तभी कमरे में पहुंच गई पत्नी तो प्राइवट पार्ट पर कर दिया हमला


बड़ी खबरें

View All

गाज़ियाबाद

उत्तर प्रदेश

ट्रेंडिंग