
गाजियाबाद। जिले में ई-टेंडर प्रणाली को लेकर वर्तमान में भी बरती जा रही हीला हवाली को लेकर योगी सरकार खासी नाराज है। शासन की तीखी टिप्पणी किए जाने के बाद अब मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ ) का पारा बढ़ गया है। सीडीओ की तरफ से सभी विभागों को टेंडर प्रणाली में सुधार किए जाने के लिए कहा गया है। सुधार किए जाने के आदेश की कॉपी को सूचना के लिए मंडलायुक्त मेरठ और जिलाधिकारी को भी भेजा गया है। अभी तक टेंडर पोर्टल पर कार्यदेश की प्रतिलिपि को अपलोड नहीं किया जा रहा था।
शासन की तरफ से है ये फरमान
शासन की तरफ से जनपद गाजियाबाद को 13 मार्च 2018 को भेजे गए आदेश का उल्लेख करते हुए कहा गया कि ई-टेंडर पोर्टल के विश्लेषण के बाद पाया गया है कि टेंडर आमंत्रित करने वाली संस्थाओं द्वारा निविदा प्रक्रिया अन्तिमीकृत करने के उपरांत सफल निविदादाता का कार्यदेश की प्रतिलिपि ई टेंडर पोर्टल पर अपलोड नहीं की जा रही है। इसी वजह से निविदा अधूरी दिखायी देती है। इनकी वजह से भ्रम की स्थिति पैदा होती है। ये भी संज्ञान में आया है कि शासकीय विभाग ( नगर निगम, विकास प्राधिकरण) अभिलेखों का मूल्यांकन मानकों से संबंधित कोई चेक लिस्ट नहीं रखी जाती है।
सभी विभागों को सुधार लाने के निर्देश
सीडीओ रमेश रंजन के मुताबिक ई- टेंडर प्रणाली के अंतर्गत टेंडर आमंत्रित करने वाली संस्थाओं को शासन की तरफ से निर्देशित किया जाता है कि निविदा प्रक्रिया अन्तिमकृत करने के बाद सफल निविदा दाता को कार्यदेश प्रतिलिपि तुरंत संबंधित ई-टेंडर के लिए अपलोड कर दी जाए। कॉपी में उस टेंडर से संबंधित तमाम विवरण ई- टेंडर पोर्टल पर उपलब्ध रहे। नहीं तो टेंडर अमान्य किया जा सकता है। इसके लिए सभी सम्बन्धित विभागों को सुधार के लिए लेटर जारी किया गया है।
Published on:
09 Apr 2018 04:11 pm
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