
गाजियाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे और ईस्टर्न पेरिफेेरल एक्सप्रेस-वे के काम की रफ्तार धीमी पड़ने पर अब उत्तर प्रदेश सरकार ने इस पर नाराजगी जाहिर की है। पीएमओ स्तर से एक्सप्रेस-वे के काम की निगरानी की जा रही है। काम के निबटने में अधिक समय लगने पर अब शासन की तरफ से इसके संबंध में गाजियाबाद जनपद के जिला प्रशासन से प्रोजेक्ट रिपोर्ट को तलब किया गया है। इसके अलावा काम को जल्द से जल्द पूरा किए जाने के निर्देश जारी किए है।
क्या है पूरा मामला
गाजियाबाद से दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस–वे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे निकल रहा है। दोनों ही एक्सप्रेस-वे की धीमी रफ्तार के लिए किसानों का मुआवजा सामने आ रहा है। सूत्रों के मुताबिक जिला प्रशासन करीब डेढ हजार किसानों से लगातार बातचीत कर मामले का हल निकालने के प्रयास में जुटा है। मुआवजे का वितरण किए जाने के बाद में काम में रफ्तार आ सकती है। इन परियोजनाओं में जिले के करीब नौ हजार किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। करीब साढ़े सात हजार किसानों को 2300 करोड़ रुपये अभी तक मुआवजे के रूप में वितरित किया जा चुका है।
चार चरणों में हो रहा एक्सप्रेस-वे का काम
मेरठ एक्सप्रेस-वे का काम चार चरणों में हो रहा है। पहला चरण निजामुद्दीन से यूपी गेट, दूसरा चरण यूपी गेट से डासना, तीसरा चरण डासना से हापुड़ और चौथा चरण डासना से मेरठ तक किया जाएगा। पहले और तीसरे चरण का काम शुरू हो चुका है जबकि दूसरे चरण का काम मुआवजे की वजह से धीमा पड़ा है। डीएम की तरफ से मुआवजे के वितरण के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए गए है।
जिला प्रशासन का कहना
एडीएम एलए मदन गर्ब्याल ने बताया कि परियोजना के लिए काम लगातार किया जा रहा है। 30 करोड़ रूपये का मुआवजा इसी हफ्ते किसानों में वितरित कर दिया जाएगा। एक्सप्रेस-वे के काम की रफ्तार को बरकरार रखने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे है।
Published on:
21 Mar 2018 02:30 pm
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