
गाजियाबाद। महानगर गाजियाबाद में दलित संगठनों द्वारा भारत बंद के नाम पर आगजनी और तोड़फोड़ की वारदात को अंजाम दिया गया। 12 घंटे से भी अधिक समय तक शहर के लोग अपने घरों में कैद होने के लिए मजबूर रहे। पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, राजनीतिक नेताओं और जनप्रतिनिधियों के इशारों पर आंदोलन को भड़काया गया। मेरठ में मेयर के पति और पूर्व विधायक योगेश वर्मा का नाम सामने आने के बाद में गाजियाबाद में भी कांगेस की महिला पार्षद व महिला विंग प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष मायादेवी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य व प्रधान पति पर भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप है। पुलिस ने इनके खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है। गिरफ्तारी के लिए लगातार पुलिस दबिश दे रही है।
5 हजार लोगों पर केस दर्ज
गाजियाबाद जनपद में 12 थानों में कुल 285 लोगों को नामजद कर करीब 5 हजार अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ बलवा, सरकारी संपत्ति में तोड़फोड़ और जानलेवा हमले समेत गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है। विजयनगर में पुलिस की लैपर्ड में आग लगाने और तोड़फोड करने पर अब तक पुलिस 32 लोगों को गिरफ्तार करके अदालत के माध्यम से जेल भेज चुकी है।
इन पर लगा लोगों को भड़काने का आरोप
सिहानी गेट थाना इंचार्ज विनोद पांडेय के मुताबिक, नंदग्राम वार्ड-6 से नगर निगम पार्षद व कांग्रेस की महिला विंग की जिलाध्यक्ष मायादेवी और स्थानीय निवासी नीरज ने दलितों के आंदोलन को हवा देने का काम किया। इसके चलते इनके खिलाफ नामजद और डेढ़ सौ से अधिक अज्ञात पर एफआईआर दर्ज की गई है। सभी पर गैर जमानती धारा लगाई गई हैं।
कांग्रेस प्रदेश महासचिव ने कहा- पार्टी के लोगों को फंसाया जा रहा है
उधर, कांग्रेस प्रदेश महासचिव बिजेन्द्र यादव के मुताबिक सोची समझी साजिश के तहत पार्टी के लोगों को फंसाया जा रहा है। हिंसा अगर बढ़ी तो इसके लिए यूपी सरकार जिम्मेदार है। अगर समय पर एक्शन लिया जाता तो बेशकीमती सरकारी प्राॅपर्टी का नुकसान नहीं होता और लोगों को भी मुश्किलें नहीं झेलनी पड़ती।
Updated on:
04 Apr 2018 01:47 pm
Published on:
04 Apr 2018 10:47 am
बड़ी खबरें
View Allगाज़ियाबाद
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
