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भाजपा नेता की हत्या के मामले में पूर्व विधायक को हाईकोर्ट से राहत

एनएसए दर्ज होने के चलते नहीं होगें डासना जेल से रिहा, हाल में ही दस लाख की रंगदारी मांगने का केस भी हुआ था रजिस्ट्रर्ड

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गाजियाबाद। भाजपा नेता गजेंद्र उर्फ गज्जी भाटी की हत्या के मामले में जेल में बंद यूपी की सबसे बड़ी विधानसभा
साहिबाबाद के पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा को हाईकोर्ट से राहत मिली है। हत्या के मामले में उच्च न्यायालय की तरफ से जमानत मिल गई है। सूत्रों के मुताबिक बीते दिनों अमरपाल शर्मा ने गाजियाबाद स्थित न्यायालय में जमानत अर्जी दाखिल की थी, जिसे कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया था। बाद में अमरपाल शर्मा ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी।

क्या है पूरा मामला
2 सितंबर 2017 को खोड़ा थाना क्षेत्र में भाजपा नेता गजेंद्र भाटी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कई लोगों के खिलाफ पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की थी। जिसमें बाहुबली पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा का नाम सामने आया था। मृतक नेता के परिजनों की तरफ से विधायक को भी आरोपी बनाया गया था। हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जबकि अमरपाल शर्मा ने खुद कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। तभी से अमरपाल शर्मा डासना जेल में बंद हैं। हाल ही में अमरपाल शर्मा के खिलाफ साहिबाबाद थाने में दस लाख रुपये की रंगदारी मांगने की रिपोर्ट भाजपा के पूर्व पार्षद के पिता ने दर्ज कराई

दस लाख रूपये लेकर की थी हत्या
गज्जू भाटी की हत्या के मामले में गाजियाबाद पुलिस ने नरेंद्र गुर्जर उर्फ नरेंद्र फौजी और राजू को गिरफ्तार किया था। दोनों ने दस लाख रूपये लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता को मौत के घाट उतारा था। नरेंद्र फौजी पूर्व विधायक का सुरक्षा अधिकारी था। पुलिस पूछताछ में उसने कबूल किया था कि पूर्व विधायक के आदेश पर भाटी की हत्या कर दी थी।

कांग्रेस के टिकट पर मिली थी हार
अमरपाल शर्मा उत्तर प्रदेश विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी के विधायक के रूप में साहिबाबाद के प्रतिनिधित्व रहे है। 2017 के विधानसभा चुनावों में बसपा की तरफ से टिकट नहीं दिया गया था। इससे नाराज होकर वो कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कांग्रेस के टिकट पर साहिबाबाद विधानसभा से चुनाव लड़ा लेकिन भारतीय जनता पार्टी के सुनील शर्मा ने उन्हे शिकस्त देकर सीट को अपने नाम किया था।

एसएसपी का कहना

एसएसपी गाजियाबाद वैभव कृष्ण के मुताबिक पूर्व विधायक जमानत के बावजूद रिहा नहीं हो सकते। क्योंकि उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम का मामला दर्ज है। इसके लिए जांच की जा रही है कि एनएसए के तहत उनकी हिरासत खत्म हो रही है। अगर यह एक छोटी अवधि है, तो हम यह सुनिश्चित करने के लिए कानूनी कदम उठाएंगे कि उन्हें सलाखों के पीछे रखा जाए।


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