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गाजियाबाद में बनेगी UP की पहली ऑटोमैटिक अंडरग्राउंड पार्किंग, टोकन डालते ही गाड़ियां खुद से चली जाएंगी अंदर

राजनगर डिस्ट्रिक्ट सेंटर में पूरी तरह ऑटोमैटिक अंडरग्राउंड मैकनाइज्ड पार्किंग का किया जाएगा निर्माण

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Car parking

गाजियाबाद में बनेगी UP की पहली ऑटोमैटिक अंडरग्राउंड पार्किंग, टोकन डालते ही गाड़ियां खुद से चली जाएगी अंदर

गाजियाबाद. प्रदेश की पहली पूरी तरह ऑटोमैटिक अंडरग्राउंड मैकनाइज्ड पार्किंग का निर्माण राजनगर डिस्ट्रिक्ट सेंटर (आरडीसी) में किया जाएगा। गाजियाबाद विकास प्रधिकरण (जीडीए ) इसे पीपीपी मॉडल पर बनाने की योजना पर काम कर रहा है। जीडीए की बोर्ड बैठक में जल्द ही इस संबंध में कंसल्टेंट से प्रस्ताव तैयार कराकर पेश किया जाएगा। अनुमान के मुताबिक इस प्रॉजेक्ट पर 80 करोड़ रुपये होंगे। ये सारा खर्च वह कंपनी उठाएगी, जिसे प्रॉजेक्ट दिया जाएगा। इसके लिए जीडीए को सिर्फ 7299 स्क्वॉयर मीटर जमीन देनी होगी। जीडीए के अधिकारियों के मुताबिक बोर्ड बैठक में मंजूरी मिलने के बाद बोली के माध्यम से उस कंपनी का चयन किया जाएगा, जो अथॉरिटी को सबसे ज्यादा लीज प्रीमियम देने को तैयार होगी। कंपनी को 25 साल के लिए लीज दी जाएगी। कंपनी का चयन होने के दो साल के भीतर पार्किंग शुरू करने का लक्ष्य है। इसके एक साल बाद कंपनी से अथॉरिटी वार्षिक लीज प्रीमियम वसूल करेंगी। कंपनी को कुल एरिया का 25 फीसदी यानी 2950 स्क्वॉयर मीटर जमीन कमर्शियल इस्तेमाल के लिए दी जाएगी। जीडीए के चीफ इंजीनियर वीएन सिंह के मुताबिक यह प्रदेश की पहली पूरी तरह ऑटोमैटिक पार्किंग होगी। पीपीपी मॉडल पर निर्माण कराने के लिए इसका प्रस्ताव बनाकर बोर्ड के सामने रखा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद निर्माण करने वाली कंपनी के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी।


पार्किंग में 900 वाहनों की होगी क्षमता
जीडीए के अफसरों के मुताबिक इस ऑटोमैटिक अंडरग्राउंड मैकनाइज्ड पार्किंग में 900 वाहन खड़े हो सकेंगे। यह गाजियाबाद जिले की सबसे बड़ी पार्किंग होगी। अभी तक वैशाली मेट्रो की मल्टिलेवल पार्किंग में 400 वाहन और कलेक्ट्रेट में बनी मल्टिलेवल पार्किंग में 200 वाहन खड़े करने की व्यवस्था है।

इंदिरापुरम में भी बनाई जाएगी ऑटोमैटिक अंडरग्राउंड मैकनाइज्ड पार्किंग
इसके अलावा शहर में दूसरी पार्किंग इंदिरापुरम में स्वर्णजयंती पार्क के दक्षिणी गेट के पास 1600 वर्गमीटर जमीन पर बनाई जाएगी। इस का निर्माण भी पीपीपी मॉडल पर किया जाएगा। इस पार्किग पर 6 करोड़ रुपये का खर्च आने की संभावना है। इसमें 200 कार और 100 दोपहिया वाहनों को खड़ा किया जा सकता है।

ऑटोमैटिक अंडरग्राउंड मैकनाइज्ड पार्किंग ऐसे करेगी काम
इस ऑटोमैटिक अंडरग्राउंड मैकनाइज्ड पार्किंग के प्रवेश द्वार पर कार खड़ी करने की जगह होगी। यहां पर गाड़ी खड़ी करने के बाद बाहर निकलकर एटीएम की तरह लगी मशीन से टोकन लेना होगा। टोकन लेते ही गाड़ी खुद-बखुद पार्किंग स्थल पर चली जाएगी। वापसी में एग्जिट डोर पर बैठे कर्मचारी को पार्किंग शुल्क देना होगा। इसके बाद जिस मशीन से टोकन लिया गया था, टोकन को उसमें डालना होगा। टोकन डालते ही कार अपने आप बाहर आ जाएगी।

इतनी लगेगी फीस
इस ऑटोमैटिक अंडरग्राउंड मैकनाइज्ड पार्किंग में चार घंटे गाड़ी खड़ी करने के लिए 60 रुपये का भुगतान करना होगा। दोपहिया वाहनों के लिए चार घंटे का पार्किंग शुल्क 20 रुपये होगा। खास बात ये है कि समय बढ़ने के साथ शुल्क भी दोगुना-तीनगुना होता जाएगा। प्राधिकऱण की टीम ने दिल्ली और अन्य स्थानों में बनी ऐसी पार्किंग में लगने वाले शुल्क का सर्वे करने के बाद यह संभावित दर तय करने की बात कही है। पार्किंग तैयार होने के बाद वाहनों की पार्किंग का किराया वर्तमान की संभावित दर से ज्यादा और कम भी हो सकता है।


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