
बिजनौर. थाना कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव गराबपुर में चल रहे लाउड स्पीकर के विवाद में 2 दिन पहले गांव के हिन्दुओं ने अपने घरों पर मकान बिकाऊ के पोस्टर चस्पा कर गांव पलायन कर गए थे। इन परिवारों के साथ एक परिवार पंजाब भी चला गया था। इस मामले को लेकर ग्रामीणों का कहना था कि जब तक शासन और पुलिस के अधिकारी उनके देव स्थल पर लाउड स्पीकर लगाने की परमिशन नही देंगे, तब तक वो अपने घर नही लौटेंगे। इस पलायन को लेकर पुलिस और जिला प्रशासन लगातार मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे था, लेकिन गांव के लोगों का कहना था, जब तक हमारे देव स्थल पर लाउड स्पीकर नहीं लगे, तब तक हम जंगल में ही तम्बू लगाकर रहेंगे और घर नही लौटेंगे। इस पलायन को लेकर भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष दिगम्बर सिंह की पहल पर जब मामला मुसलमानों के पास पहुंचा तो मुस्लिम समुदाय के लोगों ने देव स्थल पर मंदिर निर्माण कराके उसमें लाउड स्पीकर लगवाने की भी बात कही। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मंदिर निर्माण में अपना पूरा सहयोग करने का भी वादा किया। मुसलमानों के इस रुख को देखकर गांव छोड़ चुके हिन्दुओं के आंखों में आंसू आ गए और वह अपने घर लौटने को तैयार हो गए।
आपको बता दें कि बिजनौर के कोतवाली देहात थाने के गांव गारबपुर में पुलिस द्वारा हिंदुओं के पूजा स्थल पर लगे लाउडस्पीकर उतरवाने से नाराज गांव के हिंदू समाज के लोगों ने 7 दिन पूर्व पुलिस पर लाउडस्पीकर उतरवाने में एक पक्षीय कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए अपने घरों पर मकान बिकाऊ के इस्तेहार लगा दिए थे । इन लोगों का आरोप था कि हमारे गांव की आबादी 4000 है, जिसमें सिर्फ 500 हिंदू समाज के लोग हैं , जबकि साढ़े 3 हजार मुस्लिम समाज के लोग हैं। उनकी मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगातार बज रहा है, लेकिन पुलिस ने जबरन उनके पूजा स्थल से लाउडस्पीकर उतरवा दिया। मामला बढ़ जाने के बाद पुलिस के अधिकारियों ने इन लोगों को 8 तारीख तक मामला सुलझाने का समय दिया था। लेकिन इनका आरोप था कि पुलिस ने मामला सुलझाने में कोई रुचि नहीं ली। हमारा लाउडस्पीकर उतरवा दिया, जबकि मस्जिद पर लगातार लाउड स्पीकर बज रहा है।
इन लोगों को इस बात का शक था कि मुस्लिमों के कहने पर उनके देव स्थल से लाउट स्पीकर उतारा गया है। इसी से नाराज होकर गांव से 3 परिवारों ने ट्रैक्टर ट्राली में अपना सामान भरकर गांव से पलायन कर दिया। सामान सहित दूसरे गांव में रहने चले गए। लेकिन जब मुसलमानों से बात हुई तो सारा भ्रम दूर हो गया। प्रशासन के फैसले में मुसलमानों का कोई हाथ नहीं था, जब मुसलमानों के पास यह बात पहुंचाी तो उन्होंने न सिर्फ लाउड स्पीकर लगाने में मदद का भरोसा दिलाया, बल्कि देव स्थल पर मंदिर निर्माण में भी मदद देने की बात कही। तब जाकर गांव के हिन्दुओं की नाराजगी दूर हुई।
Published on:
12 May 2018 04:36 pm
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