
गाजियाबाद। दिल्ली से सटे गाजियाबाद के लोनी इलाके में खनन माफिया काफी सक्रिय हैं, जिसके चलते लोनी इलाके के पचायरा गांव में खनन माफिया इस कदर खनन करने में जुटे हैं कि उन्होंने JCB मशीन के बजाय पोकलैंड ही नदी में उतार दी, जिसके जरिए रात और दिन जमकर खनन चल रहा है। जिसकी शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों को मिल रही थी। शिकायत के आधार पर एसडीएम ने मंगलवार को देर शाम लोनी के पचायरा गांव के सामने यमुना की धार के बीच से बालू खनन कर रही तीन पोकलैंड मशीनों को सीज किया है।
मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा के एक व्यक्ति ने नाम खनन का पट्टा आवंटित है, लेकिन वह निर्धारित स्थान से खनन न करके यमुना के बीचों-बीच धार से खनन कर रहा था। जबकि पट्टा धारक का कहना है कि वह यमुना के बीच से नही निर्धारित स्थान पर ही खनन कर रहा था और मशीनों से खनन करने की अनुमति भी उसके पास है। जानकारी के मुताबिक हरियाणा के यमुना नगर जिले के रहने वाले गुरबाज सिंह के नाम लोनी के पचायरा गांव के सामने यमुना नदी से बालू खनन का पट्टा आवंटित है। खनन एवं एनजीटी के नियमानुसार यमुना के साथ खाली पड़ी भूमि पर निर्धारित स्थान पर खनन का पट्टा आवंटित किया जाता है।
जिसके तहत पट्टा धारक उस स्थान पर एक निर्धारित गहराई तक खनन कर सकता है। लेकिन पट्टा धारक निर्धारित स्थान पर खनन न करके यमुना के बीचों-बीच धार में पोकलैंड मशीन उतारकर खनन करते हैं। यमुना के बीच से खनन करने पर बालू की क्वॉलिटी उत्तम होती है तथा सरकारी आंकडों में खनन भी नहीं दिखता है। जिसके कारण बालू खनन के पट्टे के लिए जमा होने वाली रॉयल्टी में भी बहुत अंतर आता है। यानि सीधा-सीधा सरकारी खजाने को नुकसान होता है।
रोजाना की तरह मंगलवार को भी पट्टा धारक गुरबाज सिंह की पोकलेैंड मशीनें मंगलवार को भी यमुना की बीच धार से खनन कर रहीं थीं। इसी दौरान एसडीएम अमित शर्मा मौके पर पहुंचे तो उन्होंने वहां यमुना के बीच से खनन कर रही तीन पोकलेंड मशीनों को सीज कर दिया। एसडीएम अमित शर्मा का कहना है कि नियमों की अवहेलना कर किसी को खनन नहीं करने दिया जाएगा। उधर इस मामले में खनन अधिकारी आशीष से फोन पर बात की गई तो उन्होंने अपना बयान देने से इंकार कर दिया। उधर पट्टा धारक का कहना है कि जिस समय एसडीएम मौके पर पहुंचे उनकी मशीनें बंद थी। यमुना से बालू खनन करने की बात गलत है।
ओवरलोड वाहनों से क्षतिग्रस्त हुआ अलीपुर बांध
यमुना नदी से पचायरा गांव के सामने जिस स्थान पर बालू खनन का पट्टा है। उसका रास्ता अलीपुर बांध से होकर जाता है। बालू से भरे ओवरलोड वाहन अलीपुर बांध मार्ग से ट्रॉनिका सिटी होते हुए दिल्ली सहारनपुर मार्ग तक पहुंचते हैं। ओवरलोड वाहनों के कारण ही अलीपुर बांध क्षतिग्रस्त हो गया है तथा ट्रॉनिका सिटी की सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो रही हैं। बारिश के दिनों में यदि यमुना में बाढ़ आई और तब तक अलीपुर बांध को दुरुस्त नहीं किया गया तो बांध के टूटने की भी आशंका बन सकती है। जिससे लोनी ही नहीं पूर्वी दिल्ली का बड़ा भाग भी बाढ़ के पानी में डूब सकता है।
Published on:
21 Mar 2018 05:29 pm
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