
Indian Railways: दो साल पहले तक मालगाड़ियों की औसत रफ्तार 25 किमी प्रति घंटा आती थी। लेकिन अब पटरियों को बिछाने में आधुनिक तकनीक का प्रयोग हुआ है। उससे मालगाड़ियों की रफ्तार बढ़ गई है। अब मालगाड़ियां 50 किमी की रफ्तार से भाग रही हैं। उत्तर मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में ट्रेनों की संख्या कम थी। लेकिन वर्तमान वित्तीय वर्ष में ट्रेनों की संख्या बढ़ने के बाद भी मालगाड़ियों की गति में कमी नहीं आई है। बल्कि 50 किमी प्रति घंटे से भी अधिक हो गई हैं।
कोरोना काल के पहले 25 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने वाली मालगाड़ियां अब पटरी पर 50 से अधिक की स्पीड से चल रही हैं। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि मालगाड़ियों की गति बढ़ने से रेलवे ही नहीं भारतीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिल रही है। यह भारतीय रेलवे स्तर पर एक रिकार्ड भी है। उत्तरी रेलवे मालगाड़ियों को संचालित करने के मामले में भारतीय रेलवे स्तर पर लगातार उपलब्धियां बनाता रहा है। मालगाड़ियों के अलावा स्टेशनों पर स्थित लूप लाइनों (साइड वाली रेल लाइन) की रफ्तार भी बढ़ाकर 15 से 30 किमी प्रति घंटे कर दी गई है।
किफायती दर पर पहुंच रहा सामान
ट्रेनों की गति बढ़ने का सीधा लाभ व्यापार से जुड़े लोगों, किसानों एवं छोटे उद्यमियों को मिल रहा है। सामान किफायती दर पर कम समय में गंतव्य पर पहुंच रहे हैं। माल लदान भी तेज गति से बढ़ा है। इसके लिए बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट व्यापारियों, किसानों एवं औद्योगिक प्रतिष्ठानों को रेलवे की मिलने वाली सुविधाओं एवं छूट के बारे में अवगत करा रही है।
110 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार लायक बन रहे नए रेलमार्ग
उत्तरी रेलवे के लगभग सभी मार्गों को मजबूत किया जा रहा है। पटरियां और स्लीपर बदले जा रहे हैं। सिग्नल सिस्टम और प्वाइंटों को मजबूत किया जा रहा है। इसका सीधा असर ट्रेनों के संचालन पर पड़ा है। कई रूटों तो 110 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार लायक बन चुके हैं। दिल्ली-हावडा मार्ग पर भी 110 किमी की गति से ट्रेनें चलने की तैयारी हो चुकी हैं।
Published on:
06 Nov 2021 12:17 pm
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