18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यूपी एटीएस को बड़ी कामयाबी, 30 साल से फरार आतंकी गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश एटीएस ने बुधवार रात एक बड़ी कार्रवाई में लंबे समय से वांछित और प्रतिबंधित आतंकी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) से जुड़े आतंकी मंगत सिंह उर्फ मंगा को धर दबोचा।

2 min read
Google source verification
mangat singh

इस गिरफ्तारी को सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि मंगा पिछले 30 वर्षों से फरार था और उस पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित था। नोएडा एटीएस यूनिट और गाजियाबाद पुलिस की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की।

हत्या समेत कई गंभीर आरोप

मंगत सिंह को सबसे पहले मार्च 1993 में गिरफ्तार किया गया था। उस समय उसके खिलाफ टाडा सहित कई संगीन धाराओं में केस दर्ज थे। दो साल बाद, 1995 में उसे जमानत मिली, जिसके बाद वह भाग गया और तब से फरार ही चल रहा था। उस पर हत्या, डराने-धमकाने और समाज में दहशत फैलाने जैसे कई गंभीर आरोप हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, मंगा गाजियाबाद के कविनगर क्षेत्र में लंबे समय से छिपकर रह रहा था।

यह भी पढ़ें: पहलगाम आतंकी हमले पर संत समाज में उबाल, तमतमाए जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कर डाली ये मांग

साहिबाबाद थाने में मंगा के खिलाफ टाडा, धारा 307 (हत्या का प्रयास), 392 (डकैती), 411 (चोरी का माल छिपाना), 384 (जबरन वसूली) और 506 (आपराधिक धमकी) जैसी धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। उसके खिलाफ अदालत ने स्थायी वारंट भी जारी किया हुआ था।

क्या है मंगत सिंह का इतिहास?

पुलिस सूत्रों के अनुसार, मंगत सिंह का बड़ा भाई संगत सिंह, खालिस्तान कमांडो फोर्स का प्रमुख था, जिसे 1990 में पंजाब पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था। मंगा की गिरफ्तारी अमृतसर जिले के टिम्मोवाल गांव से की गई, जहां वह अब तक छिपा हुआ था। एटीएस को जब उसके वहां होने की सूचना मिली, तो फौरन एक टीम गठित की गई और 23 अप्रैल 2025 को उसे दबोच लिया गया।

यह भी पढ़ें: पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले शुभम द्विवेदी के पिता से सीएम योगी ने की बात, अधिकारियों को दिए ये निर्देश

अब मंगत सिंह को गाजियाबाद लाकर पूछताछ की जा रही है, जिसमें उससे पुराने मामलों के साथ-साथ उसके संभावित संपर्कों, नेटवर्क और गतिविधियों के बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी। इसके साथ ही उसके कविनगर स्थित ठिकाने की तलाशी भी ली जाएगी, ताकि कोई आपत्तिजनक सामग्री या दस्तावेज बरामद हो सकें।

एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह गिरफ्तारी न सिर्फ संगठन के नेटवर्क को कमजोर करेगी, बल्कि लंबे समय से फरार चल रहे आतंकियों के मन में डर भी पैदा करेगी। सुरक्षा एजेंसियों को उम्मीद है कि मंगत सिंह से पूछताछ में कई अन्य पुराने और छिपे मामलों की भी परतें खुलेंगी।


बड़ी खबरें

View All

गाज़ियाबाद

उत्तर प्रदेश

ट्रेंडिंग