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डॉग के कान पर बजाई सीटी तो हो सकता है ये अंजाम….

आंखो की मासपेशियां खींचकर आई बाहर, यशोदा अस्पताल के डॉक्टरों ने किया सफल ऑपरेशन

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yashoda hospital

गाजियाबाद। अगर आप भी अपने घर में डॉग या पप्पी रखते है तो भूल कर भी ऐसा काम न करे जोकि आपके लिए मुश्किल खडी कर दे। गाजियाबाद में एक महीने के डॉग पप्पी के साथ में इसी तरीके से एक मासूम को खेलना भारी पड़ गया। मासूम ने पप्पी के कान पर तेज विस्ल (सीटी )बजाई। इसके बाद में अचानक से घबरा कर पप्पी ने सात साल के मासूम की आंख पर हमला बोल दिया। दाहिने साइड की आंख को पप्पी द्वारा नोच लिया गया। इससे आंखो की मांसपेशियां खींचकर बाहर आ गई। परिवार के लोगों की तरफ से मासूम को यशोदा अस्पात इमरजेंसी में लाया गया। डॉक्टरों द्वारा किए दो घंटे के सफल ऑपरेशन के बाद में अब मासूम फिर से अपनी आंखो से दुनिया को देख सकता है।

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ये हुई थी घटना
सुरेश शर्मा सेक्टर 23 संजय नगर गाजियाबाद में अपने परिवार के साथ में रहते है। वो करीब एकक महीने की उम्र का रॉटविलर डॉग घर लेकर आए थे। कुछ दिन पहले 4 अप्रैल को शाम साढे पांच बजे उनका सात साल का बेटा आरव अपने पप्पी के साथ में खेल रहा था। सुरेश शर्मा ने बताया कि आज तक किसी पर हमला नहीं किया था या किसी को काटा नहीं था लेकिन उसको सीटी बजाने से बहुत ही झुंझलाहट होती थी। आरव ने एक बार सीटी बजाई जिसको उसने इग्नोर किया लेकिन दोबारा से उसके कान के पास जाकर जोर से सीटी बजाई जिसकी वजह से उसने सीटी पर हमला किया। घटना से लगा कि अब उनका बेटा कभी देेख नहीं पाएगा। लेकिन धरती के भगवानों ने इसे गलत साबित कर दिया।

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जांच के बाद में पट्टी खोलने पर मिली रौशनी
यशोदा हॉस्पिटल के वरिष्ठ प्लास्टिक एवं रिकंस्ट्रक्शन सर्जन डॉ विपिन सैगल और आई सर्जन डॉक्टर अर्पित पवैया ने आरव की आंख का सफलत ऑपरेशन किया। 5 अप्रैल 2018 को बच्चे का ऑपरेशन किया गया गया तीन दिन बाद ही बच्चे की अस्पताल से छुट्टी कर दी गई। आज 14 अप्रैल को आरव ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने आया। जांच के बाद पता चला कि उसको अब उस आंख से दिखाई दे रहा है ।तथा उसका विजन नॉर्मल है, बच्चा आंख भी खोल पा रहा है। आंखों की मांसपेशियों, और आईबॉल को अपनी जगह पर सैट कर दिया गया है,धीरे-धीरे उसके टांको को खोला जाएगा।

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मांसपेशियों को दोबारा सेट करना था चुनौती
डॉ विपिन सहगल ने बताया की मांसपेशियों के कट जाने और मांस के विस्थापित हो जाने के कारण आंख के अपनी जगह से हिल जाने के कारण बच्चे की सर्जरी मुश्किल हो गई थी। सर्जरी के दौरान कटे हुए मांस को और मांसपेशियों को पुनर्स्थापित किया गया और आंख को अपनी जगह पर वापस बिठाया गया। जिसके परिणाम स्वरुप बच्चे की आंखों का विजन नार्मल हो गया है। डॉ अमित पवैया ने बताया कि दो से तीन और सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है जिससे कि बच्चे की आंखों में हुई मांस पेशियों की क्षति एवम धमनियों की क्षति को ठीक किया जा सके।


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