गोंडा

Sawan 2023: एशिया का सबसे बड़ा शिवलिंग इस जिले में, जमीन के अंदर 64 फीट, जानिए ऊपर की लंबाई, कल से शुरू होगा जलाभिषेक

Sawan 2023: मंगलवार से सावन मास की शुरुआत हो रही है। सावन मास में भगवान शिव को जलाभिषेक करने का विशेष महत्व है। कल से जिले के प्रमुख मंदिरों पर सुबह तड़के से जलाभिषेक का सिलसिला शुरू हो जाएगा। पृथ्वीनाथ मंदिर पर शिव भक्तों की अपार भीड़ जुटती है। प्रशासन ने इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली है। अधिकारियों ने मंदिर पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।  

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Jul 03, 2023
पृथ्वीनाथ मंदिर

Sawan 2023: एशिया भर में अपनी विराटता के लिए मशहूर पांडव कालीन ऐतिहासिक शिव मंदिर पृथ्वीनाथ मंदिर और दुखहरण नाथ मंदिर पर मंगलवार सुबह तड़के से जलाभिषेक का सिलसिला शुरू हो जाएगा। इन दो मंदिरों पर जलाभिषेक के लिए पड़ोसी देश नेपाल तक से कांवरिया आते हैं। जिले के आला अधिकारियों ने मंदिर पहुंचकर व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने के निर्देश दिए हैं। ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी ना होने पाए।

गोंडा शहर से 30 किलोमीटर दूर खरगूपुर कस्बे के निकट पृथ्वीनाथ मंदिर में भगवान शिव के साक्षात दर्शन होते हैं। यह दावा मंदिर के महंत का है। मंदिर के महंत ने बताया कि पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान इस विराटतम शिवलिंग की स्थापना भीम ने किया था। यह शिवलिंग साढ़े 5 फुट ऊंचा है।

पांडव अपनी मां कुंती के साथ रहते थे, ‌एशिया महाद्वीप का सबसे विराटतम शिवलिंग यहीं पर

पृथ्वीनाथ मंदिर में स्थापित शिवलिंग एशिया महाद्वीप का सबसे विराटतम शिवलिंग है। प्राचीनतम समय में इस क्षेत्र में पांडव अपनी मां कुंती के साथ रहते थे। इस क्षेत्र के लोग ब्रह्म राक्षस से पीड़ित थे। भीम ने उसका वध कर दिया था। अभिशाप से मुक्ति पाने के लिए उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के मार्गदर्शन के बाद भगवान शिव की उपासना के लिए इस विराटतम शिवलिंग की स्थापना किया था।

जमीन के अंदर 64 फीट और ऊपर साढ़े 5 फीट ऊंचा शिवलिंग

पुरातत्व विभाग की मानें तो एशिया महाद्वीप का सबसे बड़े शिवलिंग है। जिसकी जमीन के अंदर 64 फीट गहराई है। जबकि जमीन के ऊपर साढ़े 5 फीट ऊंचा है।

पृथ्वी सिंह के सपनों में आए भगवान, फिर बनवाया यह मंदिर

महंत बताते हैं कि खरगूपुर के राजा गुमान सिंह के अनुमति से यहां के पृथ्वी सिंह ने मकान निर्माण के लिए खुदाई शुरू की, उसी रात स्वप्न में पता चला कि जमीन के नीचे सात खंडों में शिवलिंग है। स्वप्न के अनुसार उन्होंने इस मंदिर का निर्माण कराया। तभी से इस मंदिर का नाम पृथ्वीनाथ मंदिर पड़ा।

विराटतम शिवलिंग IMAGE CREDIT: Patrika original

वास्तुकला का बेमिसाल नमूना, 5 किलोमीटर में करना पड़ता है बैरिकेडिंग

श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र होने के साथ ही पृथ्वीनाथ मंदिर वास्तुकला का अद्भुत नमूना है। मंदिर के पुजारी जगदंबा प्रसाद तिवारी ने बताया कि वैसे यहां तो प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है। जबकि श्रावणमास और हर तीसरे साल पड़ने वाले अधिमास मे यहां लाखों श्रद्धालु जलाभिषेक करते हैं। महाशिवरात्रि पर्व और कजलीतीज के अवसर पर यहां की बेकाबू भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को करीब 5 से 6 किलोमीटर तक बैरिकेडिंग करनी पड़ती है।

डीएम एसपी आयुक्त सावन के मद्देनजर पूर्व में ले चुके जायजा, किया पूजन अर्चन

बीते शुक्रवार को मंडलायुक्त पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने पृथ्वीनाथ मंदिर के व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मंदिर पर पूजन अर्चन करने के बाद एसडीएम सदर सहित अन्य अधिकारियों को व्यवस्था चाक-चौबंद कराने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने कहा कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। अन्यथा इसके लिए संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

Published on:
03 Jul 2023 05:35 pm
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