
सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह
गोरखपुर और इज्जतनगर दोनों कारखानों ने कंडम पारंपरिक बोगियों से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली 100 एनएमजी बोगियां तैयार कीं हैं।
सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया
औद्योगिक प्रतिष्ठानों एवं व्यापारियों की ऑटोमोबाइल परिवहन की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर पूर्वोत्तर रेलवे के यांत्रिक कारखाना, गोरखपुर एवं इज्जतनगर द्वारा एनएमजीएचएस यान (ऑटो मोबाइल कैरियर) का निर्माण किया जा रहा है।
पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन द्वारा 100 नॉन एसी आईसीएफ यान को एनएमजीएचएस के रूप में परिवर्तित करने का लक्ष्य निर्धारित था। अप्रैल तक यांत्रिक कारखाना, गोरखपुर ने 60 एवं इज्जतनगर ने 40 पुरानी पारंपरिक बोगियों को हाईस्पीड एनएमजीएचएस कोच में बदल दिया है। ये कोच मुख्य रूप से दो और चार पहिया गाड़ियों की ढुलाई को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।
कई सुविधाओं से सुसज्जित हैं कोच
नई बोगियों की अधिकतम गति 110 किमी. प्रति घंटा है जिससे ये यान अपेक्षाकृत कम समय में ऑटो मोबाइल यूनिट का परिवहन करने में सक्षम हैं। इस नए ऑटो मोबाइल कैरियर एनएमजीएचएस यान में प्लेटफॉर्म लोडिंग के लिए रैम्प एसेम्बली के साथ चार अलग स्लाइडिंग डोर लगाए गए हैं। इसमें बेहतर डिजाइन के साथ बैरल लॉक लगाया गया है।
बेहतर सुरक्षा के लिए लैसिंग प्वाइंट उपलब्ध कराए गए हैं। इसकी फर्श पर परफोरेटड प्लेट और चेकर्ड प्लेट लगाई गई हैं, बेहतर वेंटिलेशन के लिए आठ पीस लुवर्स लगाए गए हैं।
10 टन माल का होगा परिवहन
एक एनएमजी कोच में 10 टन माल या 6 से 8 चार पहिया या करीब सौ दोपहिया वाहनों का परिवहन किया जा सकता है। पूरी रेक में सैंकड़ों दोपहिया-चार पहिया वाहनों का ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है। एक रेक में 24 कोच लगाए जाते हैं। चारों तरफ से बंद होने के कारण इसमें लोडिंग आसान और सुरक्षित है।
Published on:
06 May 2023 09:16 pm
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