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सवर्ण और ओबीसी वर्ग उतरा सड़कों पर तो पुलिस को उठाना पड़ा यह कदम

काली पट्टी बांधकर जताया विरोध

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सवर्ण और ओबीसी वर्ग उतरा सड़कों पर तो पुलिस को उठाना पड़ा यह कदम

नोएडा. केंद्र सरकार दुवारा एससी/एसटी एक्ट संशोधन बिल के विरोध मेंं गुरुवार को सवर्ण और ओबीसी वर्ग सड़कों पर उतर आए है। सुबह 8 बजे से यूपी के तमाम जिलों में सवर्ण व ओबीसी समाज सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मेरठ, बुलंदशहर समेत वेस्ट यूपी के कई जिलों में बाजार, व्यापारिक संस्थान आदि बंद कराए गए। वहीं कॉली पट्टी बांधकर सवर्णो ने विरोध किया है।

काली पट्टी बांधकर जताया विरोध

दादरी तहसील में अखिल भरतीय ब्राह्मण महासभा, वैश्य समाज, राजपूत समाज, ओबीसी व अन्य समाज के लोग इक्टठा हुए है। यहां से सर्व समाज के बैनर तले लोगों ने जूलुस निकाला। इस दौरान उन्होंने काली पट्टी बांधी। सर्व समाज की माने तो उन्होंने मार्केट व व्यापारिक संस्थानों को बंद कराया गया था। इसका असर भी दिखाई दिया। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और दादरी बाजार बंद कराया गया। हालाकि पहले ही व्यापारियों ने दुकानों को बंद रखा। इसके अलावा वेस्ट यूपी के मेरठ, मुजफ्फरनगर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर आदि जिले में असर दिखाई दिया है।

वहीं जेवर में एसएसी एसटी एक्ट में जोड़ी गई भेदभाव गैरजमानती धाराओं और जांच के अधिकार के हनन के विरोध में दाऊजी मंदिर जेवर में सवर्ण समाज इक्टठा हुआ। उसके बाद में बाज़ार होते हुए काली पट्टी बांधकर शांति मार्च निकाला जाएगा। सर्व समाज के लोगों ने एसडीएम जेवर को लोग राष्ट्पति व प्रधान ज्ञापन सौपा जाएगा। ,

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यह है मामला

सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट को दुरुपयोग मानकर नई गाइड लाइन जारी की थी। इसके मुताबिक एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज घटना में तुरंत मुकदमा दर्ज करने से मना और सीओ रैंक के अधिकारी से जांच की बात कहीं गई थी। यह दलितों को रास नहीं आई और दलितों ने 2 अप्रैल को भारत बंद किया था। दलितों के विरोध को देखते हुए बिल को वापस ले लिया था। केंद्र सरकार की तरफ सेे वापस लिए गए बिल का विरोध सवर्ण कर रहे है।

अखिल भरतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय संयोजक युवा मोर्चा पंडित रविंद्र शर्मा ने बताया कि इस कानून का फायदा इस्लामिक ताकतें उठा सकती है। उन्होंने बताया कि हिंदू समाज एकजूट है। सभी एक दूसरे की भावना की कद्र करते है। ऐसे में कानून में बदलाव की जरूरत नहीं है। इससे सवर्ण और ओबीसी वर्ग के किसी भी व्यक्ति को फर्जी केस में फंसाया जा सकता है। बिल की वजह से बगैर जांच ही पुलिस जेल भेज देगी। ऐसा पहले भी हो चुका है। उन्होंने बताया कि इसी मामले को लेकर विरोध किया जा रहा है।

पुलिस ने बनाया यह एक्शन प्लान

उधर, पुलिस ने भी भारत बंद को देखते हुए पहले ही तैयारी कर ली थी। गौतमबुद्धनगर पुलिस ने जगह-जगह इक्टठा होने वाले लोगों पर कड़ी नजर रखी। एक तरफ जहां सर्व समाज ने शांति की अपील की। वहीं पुलिस ने भी शांति की अपील की थी। वहीं पीएसी भी जगह-जगह तैनात की गई थी। उधर भारत बंद को देखते हुए एलआईयू भी एक्टिव रही।

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