
मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट रही यह यूनिवर्सिटी बनेंगी भारतीय संस्कृति के प्रसार का माध्यम
ग्रेटर नोएडा. हाईटेक शहर माने जाने वाले नोएडा-ग्रेटर नोएडा ने अपनी पहचान विदेशों में बनाई है। इंड्रस्ट्रलियल, एजूकेशन, स्पोटर्स हब के नाम से विदेशों में मशहूर ग्रेटर नोएडा देश की विभिन्न सभ्यता और संस्कृति को संजोए हुए है। एक तरफ जहां ग्रेटर नोएडा स्थित स्किनर स्टेट की बिल्डिंग आज भी अंग्रेजों के जुल्मो-सितम की कहानी बयां करती है, वहीं प्रेम का प्रतीक सती निहालदे मंदिर भी मौजूद। महाभारत कालीन में यहां के दनकौर में गुरु द्रोणाचार्य ने पांड़वों और कौरवों को शिक्षा-दीक्षा दी थी। यहां आज भी गुरु द्रोणाचार्य का मंदिर पूरे वैभव के साथ विराजमान है।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में इंजिनियरिंग और मैनेजमेंट के कॉलेजों की कोई कमीं नही है। एजूकेशन हब के रुप में भी ग्रेटर नोएडा विश्व में मशहूर है। यहां कई टेक्नीकल यूनिवर्सिटी है। इन यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्र भी पढ़ाई करने के लिए आते है। वहींं फॉम्र्यूला-1 टै्रक भी यहां मौजूद है। इसके अलावा अफगानिस्तान क्रिकेट टीम का होम ग्राउंड भी शहीद विजय सिंह पथिक स्पोटर्स कॉप्लेक्स स्थित क्रिकेट ग्राउंड है। वहीं गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी (जीबीयू) को नांलदा और तक्षशिला की तरफ विश्तस्तरीय पहचान दिलाने की मांग उठी है। जेवर के विधायक ठाकूर धीरेंद्र सिंह ने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर से मुलाकात की।
विधायक ने मांग की है कि नालंदा व तक्षशिला की तरफ जीबीयू को भी स्थापित किया जाए। यह यूनिवर्सिटी सीधी जेवर एयरपोर्ट से जुड़ी हुई है। उन्होंने यूनिवर्सिटी को विश्वस्तरीय दर्ज प्राप्त कराने की मांग की है। उन्होंने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने यूपी सरकार से बातचीत कर इस दिशा में सार्थक प्रयास कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
शांति का अग्रदूत है भगवान बुद्ध
जेवर के विधायक ठाकूर धीरेंद्र सिंह ने बताया कि भगवान बुद्ध शांति के अग्रदूत रहे है। भगवान बुद्ध के नाम पर स्थापित यूनिवर्सिटी में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से ध्यान गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी (जीबीयू) की तरफ ध्यान दिया जाता है तो यह यूनिवर्सिटी भी दूनिया में विख्यात भारतीय यूनिवर्सिटी नांलदा व तक्षशिला की तरह स्थापित की जा सकती है।
यह सुविधा है मौजूद
मुलाकात के दौरान जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह ने भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेडकर को बताया कि यूनिवर्सिटी को करीब 1960 करोड़ की लागत से तैयार किया गया था। साथ ही 454.76 एकड़ में फैली इस यूनिवर्सिटी में 8 विभिन्न फैकल्टी भवन, 5400 छात्रों के लिए कमरे, 508 आवास, 156 रिसर्च स्काॅलर आवास, प्रशासनिक भवन, लाइब्रेर, सेंट्रल कंप्यूटर सेंटर, इंटरनेशनल कंवेंशन सेंटर, 2 गेस्ट हाउस, आॅडिटोरियम, इंडोर स्टेडियम समेत स्पोटर्स ग्राउंड के अलावा, शाॅपिंग कांम्पलेक्स, डिस्पेेंसरी व अन्य सुविधाएं मौजूद है।
मायावती के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है यह यूनिवर्सिटी
गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी (जीबीयू) यूपी की पूर्व सीएम मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा था। मायावती गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर गांव की रहने वाली है। चार इंटर कॉलेज, एम्स की तर्ज पर कांशीराम मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दलित प्रेरण स्थल, डॉ. भीमराव आंबेडकर पार्क और बादलुपर स्थित हेलिपैड आदि अहम प्रोजेक्ट रहे थे। हालाकि योगी सरकार में कांशीराम मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का नाम बदल दिया गया है।
Published on:
08 Jul 2018 03:50 pm
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