
ग्रेटर नोएडा. होली का त्यौहार दो दिन का होता है। पहले दिन होलिका दहन और दूसरे दिन दुल्हैंडी पर लोग रंग खेलते है। इस बार एक मार्च को होलिका दहन होगा और 2 मार्च की दुल्हैंडी है। एक तरफ जहां लोगों ने होली की तैयारी करनी शुरू कर दी है। वहीं मार्केट में भी होली के रंग और पिचकारी मिलनी शुरू हो गई है। ज्योतिषाचार्य की माने तो इस बार की होली शुभ है। होलिका दहन और होली पूजन के लिए आपको कन्फ्यूज होने की जरुरत नहीं है। होलिका पूजन सुबह 11 बजे के बाद और शाम को होलिका दहन 7.37 बजे के बाद कर सकते है। शाम को प्रदोष काल रहेगा, इस दौरान होलिका दहन करना काफी शुभ होगा।
होली को लेकर हर वर्ग में क्रेज होता है। देशभर में होली खेलने के अलग-अलग तरीके है। कहीं लठमार होली मनाई जाती है तो कहीं फूलों की। इस दौरान महिलाओं में भी क्रेज देखने को मिलता है। महिला भी होली खेलने से पीछे नहीं रहती है। वहीं दुल्हैंडी के एक दिन पहले से ही पूजन भी शुरू हो जाता है। महिला होलिका दहन के दिन पूजन करती है। होली के दहन और पूजन के समय को लेकर उलझन में रहने की आवश्यकता नहीं है। ज्योतिषाचार्य शिवा गौड ने बताया कि पूर्णिमा के साथ भद्रा काल भी होगा। ऐसे में होलिका दहन और पूजन के लिए सहीं मुहूर्त होना बेहद जरुरी है। सुबह 11.05 बजे के बाद में होलिका पूजन कर सकते है। वहीं शाम को 7.37 मिनट पर भद्रा काल समाप्त हो जाएगा। उसके बाद में होलिका दहन करना शुभ होगा। उन्होंने बताया कि पूर्णिमा, प्रदोष काल और भद्रा न होने की वजह से शुभ मुहूर्त होगा। उन्होंने बताया कि एक मार्च की सुबह 8.57 बजे से पूर्णिमा शुरू होगी और यह 2 मार्च की सुबह करीब 6.18 बजे समाप्त होगी।
इस समय करें होलिका पूजन
सुबह: 11 से 12.30 बजे तक
दोपहर 1.10 बजे से 1.56 बजे तक
शाम 4.50 बजे से 6.15 बजे तक
होलिका दहन
भद्रा काल शाम 7.37 बजे समाप्त होगा। उसके बाद में प्रदोष काल शुरू होगा। प्रदोष काल शुभ होता है। प्रदोष काल में शाम 7.40 बजे से लेकर 8.50 बजे तक होलिका दहन कर सकते है।
Updated on:
26 Feb 2018 01:08 pm
Published on:
25 Feb 2018 05:26 pm
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