
पतंजलि फूड पार्क पर बाबा रामदेव को मिला इस केंद्रीय मंत्री का साथ सीएम योगी से की यह सिफारिश
ग्रेटर नोएडा। यमुना अथॉरिटी क्षेत्र में बनने वाले बाबा रामदेव के ड्रीम प्रोजेक्ट पतंजलि फूड पार्क के लिए अब केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने सीएम योगी को पत्र लिखकर इसकी प्रक्रिया को जल्दी आगे बढ़ाने के लिए कहा है। आपको बता दें कि सपा सरकार के समय पतंजलि आयुर्वेद फूड पार्क के लिए जमीन आवंटित की गई थी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक पतंजलि आयुर्वेद ने 6,000 करोड़ रुपये के फूड पार्क का प्रस्ताव दिया है, जिस पर कुछ कानूनी अड़चनें सामने आई हैं। बादल ने पत्रकारों को बातचीत में बताया कि उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मामले को सुलझाने और प्रक्रिया को तेज करने के लिए कहा है।
बादल ने बताया कि मेगा फूड पार्क नीति के तहत जमीन को फूड पार्क में स्थापित करने वाली कंपनियों के नाम सब-लीज करना होता है। यूपी सरकार को इस संबंध में अनुमति देनी होगी। बादल ने बताया कि पतंजलि को जरूरी शर्तें पूरी करने के लिए जून तक का समय दिया गया है, ताकि कंपनी को केंद्र सरकार की ओर से अंतिम मंजूरी मिल सके।
यह है पूरा मामला
ग्रेटर नोएडा में पतंजलि आयुर्वेद के नाम पर 455 एकड़ जमीन का आवंटन किया गया था। जिसका शिलान्यास पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था। लेकिन, समय बीतने के साथ ही पतंजलि ने उस जमीन पर पतंजलि मेगा फूड पार्क बनाने का ऐलान कर दिया। इसके बाद से ही जमीन आवंटन का मामला फंस गया। क्योंकि जमीन का आवंटन पतंजलि आयुर्वेद के नाम से किया गया था। इसलिए विभाग ने पतंजलि को नए सिरे से दस्तावेज दाखिल करने को कहा। लेकिन, समय पर दस्तावेज पूरे नहीं किए गए और उसके बाद आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट कर इसका ठीकरा सरकार पर फोड़ दिया।
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पतंजलि के सह-संस्थापक आचार्य बालकृष्ण ने अपने ट्वीट में कहा था कि सरकार की लेट लतीफी की वजह से वह किसी अन्य स्थान पर फूड पार्क बनाएंगे और जमीन सरकार को लौटा देंगे। आचार्य बालकृष्ण ने यह भी कहा था कि पतंजलि के लोग मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों और अधिकारियों से मिले और अपनी समस्या बताई, लेकिन बात नहीं बनी। हालांकि बाद में सीएम योगी और बाबा रामदेव की बातचीत के बाद सहमति बन गई।
सूत्र बताते हैं कि बातचीत के बाद मुख्यमंत्री ने पतंजलि की शिकायतें दूर करने के लिए अधिकारियों को जल्द काम करने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले यूपी के फूड प्रोसेसिंग सेक्रेटरी जेपी मीणा का कहना था कि प्रोजेक्ट के लिए जमीन और बैंक लोन से जुड़ी 5 शर्तें हैं, जिन्हें किसी भी कंपनी को पूरी करनी होती है। उन्होंने कहा कि शर्तें पूरी करने के लिए पतंजलि को निर्धारित चार माह के अलावा एक महीने का एक्सटेंशन भी दिया गया था।
Updated on:
09 Jun 2018 05:31 pm
Published on:
09 Jun 2018 05:26 pm
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