झंडा फहराकर ईरान अपने नागरिकों को युद्ध की स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है। उन्होंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा है। हालांकि,यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि ईरान और इराक के बीच युद्ध के दौरान भी लाल झंडा नहीं फहराया गया था।
मस्जिद पर लाल झंडा फहराने का धार्मिक महत्व दरअसल,हुसैन साहब ने कर्बला युद्ध के दौरान मस्जिद के ऊपर लाल झंडा फहराया था। लाल झंडे को खून और शहादत का प्रतीक माना जाता है। ईरान द्वारा लाल झंडा फहराने को मारे गए कमांडर सुलेमानी के लिए बदले के तौर पर देखा जा रहा है। जामकरन मस्जिद को ईरान का सबसे पवित्र मस्जिद माना जाता है और यहां के युवाओं पर इसका काफी प्रभाव है।