
बिना सरिए के ईंट, बजरी और सीमेंट से तैयार हो रहा है बजरंगगढ़ का जैन मंदिर
गुना. जैन समाज के लोगों के लिए खुशखबरी है कि बजरंगगढ़ का शांतिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मंदिर होगा। आठ साल पूर्व इस मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य शुरू हुआ था, वह पूर्णता की और है। इस मंदिर की खासियत यह होगी कि इसका निर्माण बगैर सरिए के केवल ईंटों, बजरी और सीमेंट से कराया गया है, जिसकी फिनिशिंग का काम अगले दो-तीन माह में हो जाएगा।
अगले वर्ष यहां पंचकल्याणक कराए जाने की पूरी तैयारियां हैं। इस मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य में लगभग सात साल लग गए हैं, यह काम अगले वर्ष तक पूरा होगा। इसके साथ ही कैंट क्षेत्र में एक दूसरा दिगम्बर जैन मंदिर तैयार हो रहा है, जिसको नया स्वरूप अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के आर्किटेक्ट सौम्य पुरा दे रहे हैं।
अलग दिखेगा मंदिर
जैन समाज से जुड़े और निर्माण समिति के पदाधिकारी प्रदीप जैन बताते हैं कि बजरंगगढ़ में शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर 900 साल पुराना है। इस मंदिर का जीर्णोद्धार 2014 में कराए जाने का मंदिर प्रबंधन समिति ने निर्णय लिया था। उस निर्णय के आधार पर मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य शुरू हुआ जो अब पूर्णता की और है। उन्होंने बताया कि तीन करोड़ रुपए से अधिक की लागत से इस मंदिर का निर्माण कार्य सुधा सागर की प्रेरणा से और वास्तु शास्त्र के अनुसार कराया जा रहा है।
मंदिर के निर्माण में लोहे का बिल्कुल उपयोग नहीं किया है। मंदिर में केवल ईंट, बजरी और सीमेंट का उपयोग हो रहा है। उनका दावा है कि यह मंदिर देश में पहला होगा जो सिर्फ ईंट, बजरी और सीमेंट से निर्मित होगा। मंदिर के निर्माण में अभी समय लगेगा। वे बताते हैं कि तीन करोड़ की लागत से इसका मूल ढांचा बनकर तैयार हो चुका है। मंदिर का निर्माण हो गया है, इसकी फिनिशिंग का काम होना है और वेदियां विधि-विधान के साथ स्थापित होंगी। इस मंदिर के बनने के बाद गुना में अगले वर्ष बड़ा पंच कल्याणक कार्यक्रम कराए जाने की भी तैयारियां हैं। बजरंगगढ़ में एक पुराना दिगम्बर जैन मंदिर भी है जहां भी लोग एकत्रित होते हैं।
शीतलनाथ जिनालय भी बनकर तैयार
जैन समाज से जुड़े अखिलेश जैन बताते हैं संत सुधा सागर की प्रेरणा से पिपरौदा खुर्द स्थित न्यू सिटी पार्ट-2 में तीन साल पूर्व शीतलनाथ जिनालय का निर्माण शुरू कराया था जो इस समय बनकर तैयार हो गया है। यहां इस वर्ष पंचकल्याणक कराए जाने की तैयारियां हैं।
सर्वोदय तीर्थ जिसे देखने लोग आते हैं
गुना से सात-आठ किलोमीटर दूर फतेहगढ़ चौराहे पर 16 बीघा जमीन में सर्वोदय तीर्थ बना हुआ है। यहां गौशाला भी बनाई गई है। यहां 31 फीट ऊंची बाहुबली भगवान की प्रतिमा है। यहां बच्चों को अच्छे संस्कार देने के लिए स्कूल भी अगले शैक्षणिक सत्र से खोले जाने की योजना है।
यहां भी चल रहा है निर्माण कार्य
राघौगढ़ में भी एक विशाल जैन मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है, वो भी जल्द तैयार हो जाएगा।
बजरंगगढ़ में आकार ले रहे जैन मंदिर का दृश्य।
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मंदिर की खासियत● पूरा ढांचा ईंट, बजरी व सीमेंट से बना। सरिया नहीं लगाया।
● गुबंद- लगभग 80 फीट घेरे वाला पूरा गुंबंद सिर्फ ईंटों से बना है। कहीं से किसी पिलर या पत्थर से सहारा नहीं हैं। यानि ईंट, बजरी व सीमेंट के बल पर पूरा ढांचा टिका हुआ है।
● हॉल की 34 फीट की छत-इसी तरह हॉल की 34 फीट चौड़ी छत भी बिना किसी सहारे के टिकी है। यह भी सिर्फ ईंट से बनी हुई है।
कुंडलपुर की तर्ज पर बन रहा है मंदिर
गुना के कैंट क्षेत्र में दिगम्बर जैन मंदिर है, इस मंदिर को नया स्वरूप देने की तैयारी सन 2016 में हुई थी, इस मंदिर को कुंडलपुर की तर्ज पर बनाए जाने की योजना बनी, इसको भव्य रूप देने की डिजाइन गुजरात के सौम्य पुरा ने दी। इस मंदिर की खासियत ये है कि मंदिर का निर्माण पत्थर से कराया जा रहा है। इसमें न तो ईंट, बजरी ओर सीमेंट का बिल्कुल उपयोग नहीं हो रहा है। इस मंदिर के निर्माण में लगे समाज के लोग बताते हैं कि इस मंदिर को नागरशैली का स्वरूप दिया जा रहा है। शास्त्रों में नागरशैली का वर्णन किया गया है। उसी के अनुसार संपूर्ण काम कराया जा रहा है। यहां तीन वेदियां बनाई जाएंगी जिसमें एक वेदी पर भगवान आदिनाथ की दूसरी वेदी पर भगवान पारसनाथ और तीसरी वेदी पर भगवान चन्द्रा प्रभु की प्रतिमा स्थापित होगी। इस मंदिर के निर्माण पर लगभग छह करोड़ रुपए खर्च होगा। इसका काम 75 फीसदी हो चुका है, जल्द ही मंदिर निर्माण पूरा हो जाएगा।
Published on:
03 Apr 2023 09:30 pm
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