हड़तालियों का अनोखा प्रदर्शन: तले पकौड़े, भैंस के आगे बजाई बीन
गुना. संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर गुरुवार को आठवें दिन भी टेंट के नीचे बैठे दिखाई दिए। उधर ग्रामीण क्षेत्र एवं जिला स्तर पर भी मरीज परेशान होते दिखाई दे रहे हैं।
स्टाफ की कमी होने से नियमित स्टाफ जो कार्य कर रहा है उनको अतिरिक्त सेवा देना उनको देनी पड़ रही है। इसका असर उनके स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है इससे प्रतीत हो रहा है कि स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल है। स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष मुकेश मौर्य ने बताया कि हमारे द्वारा जो हड़ताल की जा रही है उसके कारण मरीज परेशान हैं। मातृ स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य संबंधित देखभाल ग्रामीण जनों को नहीं मिल पा रही है और हम प्रतिदिन जो हड़ताल कर रहे हैं उसका असर सरकार पर नहीं हो रहा है जबकि मरीज परेशान हो रहे हैं। आज इसी उद्देश्य भैंस के आगे हम लोगों ने बीन बजाई है। जिस प्रकार से भैंस के आगे बीन बजाने से भैंस को कोई असर नहीं होता है। उसी प्रकार से हमारी हड़ताल का भी सरकार पर कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है, परंतु मरीज परेशान हो रहे हैं। साथ ही हम लोगों को जो कम वेतन मिलता है उस वेतन से हमारी जीविका नहीं चल पा रही है तो मजबूरी बस हमने आज विरोध प्रदर्शन स्वरूप पकोड़े भी तले क्योंकि जब महीने भर का खर्च और राशन हमारी मानदेय से नहीं आ पाता तो शेष दिनों का खर्चा चलाने के लिए हमें पकौड़ी ही तलना पड़ेगा। सरकार भले ही आम जनता के लिए लोक लुभावने वादे करती है, जन प्रतिनिधियों के मानदेय बढ़ाने में सरकार ने तनिक भी देरी नहीं की मगर हम कोरोना योद्धाओं की मांगों का अनदेखा किया जा रहा है। अब फिर से कोरोना का संकट गहराने लगा है। हम नहीं चाहते की आम जनता किसी प्रकार से परेशान हो, परंतु सरकार यदि हमारी मांगों को शीघ्र नहीं मानती है तो किन्हीं भी परिस्थितियों में हम हड़ताल समाप्त करने वाले नहीं हैं हमारी हड़ताल निरंतर जारी रहेगी।
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