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10 कैमरे के फुटेज, 3 हजार से ज्यादा मोबाइल में चोरों के फोन की तलाश

10 कैमरे के फुटेज, 3 हजार से ज्यादा मोबाइल में चोरों के फोन की तलाश

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10 कैमरे के फुटेज, 3 हजार से ज्यादा मोबाइल में चोरों के फोन की तलाश

10 कैमरे के फुटेज, 3 हजार से ज्यादा मोबाइल में चोरों के फोन की तलाश

ग्वालियर। मां तपेश्वरी काम्पलेक्स में 8 दुकानों के ताले तोडकर करीब 6 लाख की चोरी करने वालों की तलाश पुलिस के लिए सिरदर्द साबित हो रही है। चोर कहां दुबक गए तमाम जददोजहद के बाद भी उनका ठिकाना नहीं मिला है। बुधवार तक काम्पलेक्स से के दोनों तरफ के रास्ते पर लगे करीब 10 सीसीटीवी के फुटेज पुलिस ने निकाले हैं। इसके अलावा पीएसटीएन डाटा को भी सर्च किया जा रहा है। इससे पता चलेगा कि उस वक्त आधी रात को काम्पलेक्स के आसपास कितने लोग मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहे थे। जिनके मोबाइल फोन चालू रहेंगे उस वक्त उनकी लोकेशन कहां थी पता लगाया जाएगा। हालांकि पुलिस मान रही है कि इलाका बेहद घना है। यहां उस वक्त हजारों की संख्या में फोन चालू रहे होंगे। उनमें चोरों के मोबाइल को तलाशना भूसे के ढेर में सुई की तलाश करने की तरह है।
एसआई दीपक गौतम ने बताया काम्पलेक्स में चोरी करने वाले हजीरा चैराहे की तरफ से आए हैं लेकिन गए किधर इसे लेकर उलझन है। इसलिए काम्पलेक्स से हजीरा चैराहा और किलागेट तिराहे तक करीब 10 जगहों पर लगे कैमरे सर्च किए जा रहे हैं। इससे चोरों के वापसी का रूट पता चलेगा। उसे ट््रैक करते हुए वहां तक पहुंचने की कोशिश है जहां जाकर गिरोह रूका होगा। इसलिए बुधवार को तानसेन मकबरे के बाहर, पार्किंग, सिविल अस्पताल के पास लगे कैमरे और इसके अलावा निजी मकान और दुकान पर लगे सीसीटीवी के फुटेज भी सर्च किए है। लेकिन चोरों का रूट पकड में नहीं आ रहा है। जाहिर है कि चोरों को भी पता रहा होगा कि पुलिस कैमरे के जरिए उनके आने जाने के रास्ते को पकड कर आगे बढेगी। इसलिए गलियों के जरिए निकले होंगे। चोर जिस आॅटो से आए थे उसकी भी पहचान के लिए तमाम आॅटो चालकों को बुलाया है। लेकिन फुटेज दिखाने के बावजूद उसकी पहचान नहीं हुई है।
पीएसटीएन डाटा से मंथन
पुलिस की थ्योरी है कि काम्पलेक्स पर आने के दौरान चोरों ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया है। पीएसटीएन डाटा से उनके मोबाइल का नंबर पता चल सकता है। लेकिन इसमें बडी परेशानी है कि यह इलाका बेहद घनी आबादी का है। उस वक्त यहां करीब 3 हजार से ज्यादा मोबाइल चालू रहे है। उसे छांटने में काफी मशक्कत करना पडेगी। हालांकि इस तरीके का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।